दशहरी आम उत्तर प्रदेश खासकर मलिहाबाद की शान माने जाते हैं. यह आम अपनी सुगंध, मिठास और लंबे शेल्फ लाइफ के कारण देशभर में प्रसिद्ध हैं. इस बीच मलिहाबाद में आम (Mango) की बागवानी करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. इसी क्रम में लखनऊ के मलिहाबाद के अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव और किसान उपेंद्र कुमार सिंह ने देसी आम को एक नई पहचान दिलाने के लिए बड़ी पहल की है.
इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में उपेंद्र कुमार सिंह ने ने बताया कि वो बीते 25 सालों से आम की बागवानी कर रहे हैं. शुरुआत में उन्होंने लंगड़ा, दशहरी और चौसा जैसी देसी किस्में लगाई गईं, लेकिन अब उन्होंने 'नेहल पसंद' देसी वैरायटी के पौधे तैयार किए हैं. वहीं लंगड़ा, चौसा, फजली जैसे देसी आमों की मिठास अभी भी लोगों को खूब पसंद आती है.
उन्होंने बताया कि आम की इस देसी वैरायटी 'नेहल पसंद' को Protection of Plant Varieties and Farmers' Rights Authority (PPV&FR) दिल्ली में पंजीकरण कराने के लिए दो साल पहले आवेदन किया था. उस आवेदन को (PPV&FR) के द्वारा स्वीकृत कर लिया गया है. बहुत जल्द सीआईएसएच के वैज्ञानिकों की देखरेख में वैरायटी का परीक्षण किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि डॉ. विशम्भर दयाल (वैज्ञानिक) उद्यानिकी आईसीएआर-सीआईएसएच- लखनऊ और विनीत सिंह (शोध विद्वान) उद्यानिकी आईसीएआर-सीआईएसएच - इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ (आईआईएएसटी) लखनऊ के वैज्ञानिकों की टीम हमारे खेत में लगे आम के पेड़ का परीक्षण करने पहुंचेगी. मुझे Protection of Plant Varieties and Farmers' Rights Authority दिल्ली की तरफ से पत्र प्राप्त हो चुका है.
उपेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि आम की देसी वैरायटी 'नेहल पसंद' बहुत रसीला और मीठा आम होता हैं. सबसे खास बात है कि बरसात के मौसम में भी इस आम का स्वाद लोग ले सकेंगे. वर्तमान में वह करीब 22 बीघा ज़मीन पर आम की खेती कर रहे हैं. माल के किसान उपेंद्र सिंह कहते हैं कि हर मौसम के लिए यह देसी वैरायटी अनुकूल है. वहीं कोई रोग लग जाता था, इस बार कोई रोग नहीं लगा है. उन्होंने बताया कि जब यह पेटेंट हो जाने के बाद इसके दाम में भी बढ़ोतरी होगी. अभी इसकी कीमत एक किलो 30 से 35 रुपये के बीच है.
सिंह ने उम्मीद जताई हैं कि बहुत जल्द नेहल पसंद आम की वैरायटी को पंजीकरण प्रमाण पत्र मिलने के बाद एक देश-विदेश में एक अलग पहचान मिलेगी. यह कदम न सिर्फ प्रदेश के आम किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को आम निर्यात में भी मील का पत्थर साबित होगा.
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