यूपी के कई हिस्सों में बाढ़ के कहर ने किसानों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को जल्द राहत देने के निर्देश दिए हैं. इसे देखते हुए बुधवार को कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि निदेशालय में बैठक ली. उन्होंने निर्देश जारी करते हुए कहा कि वर्तमान में बाढ़ प्रभावित वाले इलाकों में किसानों को बीमा का लाभ समय से प्राप्त कराए जाने के लिए राजस्व, कृषि एवं बीमा के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की संयुक्त टीम द्वारा अविलंब पूर्ण कर प्रभावित किसानों को तत्काल लाभ पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा है कि बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, वहां जल्द से जल्द सर्वे कर मुआवजे की कार्यवाही आगे बढ़ाएं.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान योगी शासन की प्राथमिकता में हैं. उन्नतशील बीजों का वितरण कृषकों को पूर्ण पारदर्शिता के साथ समय से अवश्य सुनिश्चित किया जाए. शाही ने कहा कि रबी फ़सलों (गेहूं,जौ,चना, मटर,मसूर, सरसों, अलसी आदि) के सभी बीज दिनांक 25 अक्तूबर तक समस्त राजकीय बीज भंडारों पर कृषकों को वितरण उपलब्ध करा दिये जाएं. उन्होंने कहा कि रबी फ़सलों में विशेषकर दलहन (चना,मटर,मसूर आदि) एवं तिलहन (तोरिया,सरसों, राई, अलसी आदि) में फसल उत्पादकता बढ़ाए जाने के लिए जनपदीय उप कृषि निदेशक/जिला कृषि अधिकारी विशेष प्रयास करें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया है कि किसी भी तरह की भ्रामक सूचना या अफवाह पर तत्काल और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि संकट की इस घड़ी में जनता तक सही जानकारी पहुंचे और भ्रम न फैले. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी 12 बाढ़ प्रभावित जिलों की निगरानी उच्च स्तर पर की जाए और मुख्यमंत्री कार्यालय को लगातार रिपोर्ट भेजी जाए.
उधर, राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश में मानसून के दौरान बरसात और नदियों के प्रकोप ने प्रदेश के 43 जिलों को प्रभावित किया. जहां बलिया, बहराइच, बदायूं, चंदौली, फर्रुखाबाद, गोंडा, गाजीपुर, हरदोई, कानपुर नगर, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, उन्नाव, वाराणसी, मऊ, औरैया, अमरोहा, बस्ती, बांदा, बाराबंकी, कन्नौज, हापुड़, बिजनौर, संभल, संत कबीर नगर, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, मुरादाबाद, कानपुर देहात, फतेहपुर, अयोध्या, जालौन, आगरा, इटावा, चित्रकूट, हमीरपुर, भदोही, मथुरा और श्रावस्ती समेत 43 जिले बाढ़ में शामिल रहे.
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