एमएसपी पर 92 फीसदी गेहूं की खरीद मध्य प्रदेश से, आख‍िर क्यों प‍िछड़े पंजाब-हर‍ियाणा? 

एमएसपी पर 92 फीसदी गेहूं की खरीद मध्य प्रदेश से, आख‍िर क्यों प‍िछड़े पंजाब-हर‍ियाणा? 

Wheat Procurement: गेहूं उत्पादक 10 राज्यों में से अब तक स‍िर्फ पांच में ही सरकारी खरीद शुरू हो पाई है. पंजाब बफर स्टॉक में सबसे ज्यादा गेहूं का योगदान देता है, लेक‍िन वहां पर अभी एमएसपी पर खरीद ठीक से शुरू हो सकी है. ऐसा अनुमान है क‍ि बैसाखी के बाद खरीद जोर पकड़ेगी. यही हाल हर‍ियाणा का भी है. आख‍िर क्या है नमी वाली शर्त ज‍िसकी वजह से प‍िछड़ रही खरीद. 

कहां क‍ितनी हुई गेहूं की सरकारी खरीद.
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Apr 09, 2024,
  • Updated Apr 09, 2024, 2:09 PM IST

रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की सरकारी खरीद कागजों में एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है, लेक‍िन पंजाब और हर‍ियाणा सह‍ित कई सूबों में अभी क‍िसान अपनी फसल बेचने के ल‍िए जद्दोजहद कर रहे हैं. गेहूं उत्पादक 10 राज्यों में से अभी तक स‍िर्फ पांच में ही खरीद हो रही है. केंद्र सरकार की र‍िपोर्ट इसकी तस्दीक कर रही है. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग से म‍िली र‍िपोर्ट बता रही है क‍ि 9 अप्रैल तक देश भर में मात्र पौने आठ लाख मीट्र‍िक टन (7,74,759) की ही खरीद हो सकी है. ज‍िसमें से 92 फीसदी से अध‍िक गेहूं मध्य प्रदेश में खरीदा गया है, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्‍पादक राज्‍य है. मध्य प्रदेश सेंट्रल पूल यानी बफर स्टॉक के ल‍िए गेहूं का पंजाब के बाद दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है. 

पंजाब बफर स्टॉक में सबसे ज्यादा गेहूं देता है, लेक‍िन वहां पर अभी खरीद ठीक से शुरू नहीं हो पाई है. ऐसा अनुमान है क‍ि बैसाखी के बाद खरीद जोर पकड़ेगी. यही हाल हर‍ियाणा का भी है. जहां एक अप्रैल से खरीद की कागजी घोषणा तो शुरू हो चुकी है लेक‍िन अब तक न तो पूरी तरह से आवक हो रही है और न खरीद. क‍िसान मंड‍ियों में गेहूं लेकर जा रहे हैं लेक‍िन उन्हें नमी की अध‍िक मात्रा बताकर लौटाया जा रहा है. एमएसपी पर गेहूं खरीद के ल‍िए 12 फीसदी से अध‍िक नमी नहीं होनी चाह‍िए. इस साल सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय क‍िया है. 

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प‍िछले साल भी देरी से हुई थी खरीद

राज्य की मंड‍ियों में गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है, ले‍क‍िन नमी की मात्रा ज्यादा बताई जा रही है इसल‍िए खरीद नहीं हो पा रही है. कई जगहों पर खरीद एजेंसियों के अधिकारियों ने मंड‍ियों में आए गेहूं का निरीक्षण करने के बाद किसानों को उसे सुखाने के निर्देश दिए हैं. प‍िछले साल भी हर‍ियाणा की तमाम मंड‍ियों में 10 अप्रैल तक गेहूं की खरीद नहीं शुरू हो पाई थी. क‍िसान मंड‍ियों में गेहूं सुखा रहे थे. भारतीय क‍िसान यून‍ियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम स‍िंह चढूनी ने 'क‍िसान तक' से कहा क‍ि इस बार गेहूं की कटाई में देरी है. अभी गेहूं पका नहीं है. नमी ज्यादा होने की वजह से ही अभी तक सरकारी खरीद ने जोर नहीं पकड़ा है. 

गेहूं की नमी नापने वाला मॉइश्चर मीटर (Photo-Om Prakash)

नमी तो चेक करनी पड़ेगी 

हर‍ियाणा में एफसीआई, वेयरहाउस कारपोरेशन, हैफेड और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से खरीद की जा रही है. 'क‍िसान तक' से बातचीत में हरियाणा वेयरहाउस कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत ने कहा क‍ि ज‍िन क‍िसानों का गेहूं नॉर्म्स के अनुसार है उनकी खरीद हो रही है. नमी तो चेक करनी पड़ेगी. सरकार कच्चा गेहूं तो नहीं खरीदेगी. गेहूं का एक-एक दाना खरीदा जाएगा लेक‍िन वह न‍ियमों पर खरा उतरना चाह‍िए.

कहां क‍ितनी हुई गेहूं खरीद 

राज्य खरीद (मीट्र‍िक टन) रज‍िस्टर्ड क‍िसान
ब‍िहार 179.16 14,419
हर‍ियाणा 4,029.85  3,03,842
मध्य प्रदेश 7,15,327.74 15,40,447
राजस्थान 24,882.77  96,553
उत्तर प्रदेश 30,339.20 2,83,027

Source: Ministry of Consumer Affairs, Food & Public Distribution

पंजाब का क्या है हाल? 

गेहूं की सबसे ज्यादा सरकारी खरीद पंजाब में होती है. यहां भी खरीद अभी ढंग से नहीं शुरू हो पाई है. कागजों में तो एक अप्रैल से खरीद जारी है. लेक‍िन खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की र‍िपोर्ट बता रही है क‍ि वहां 9 अप्रैल तक एक दाना भी गेहूं नहीं खरीदा गया है. फाज‍िल्का के हमारे संवाददाता सुर‍िंदर गोयल ने बताया क‍ि अभी गेहूं में नमी है इसल‍िए खरीद नहीं हो रही है. फसल में अभी देरी है. उम्मीद है क‍ि बैसाखी के बाद खरीद में तेजी आएगी. लुधियाना स्थित एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी मानी जाने वाली खन्ना मंडी में भी अभी सन्नाटा है. इसके अलावा गुजरात, ह‍िमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से भी अब तक गेहूं खरीद की कोई सूचना नहीं है. 

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