रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की सरकारी खरीद कागजों में एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है, लेकिन पंजाब और हरियाणा सहित कई सूबों में अभी किसान अपनी फसल बेचने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. गेहूं उत्पादक 10 राज्यों में से अभी तक सिर्फ पांच में ही खरीद हो रही है. केंद्र सरकार की रिपोर्ट इसकी तस्दीक कर रही है. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग से मिली रिपोर्ट बता रही है कि 9 अप्रैल तक देश भर में मात्र पौने आठ लाख मीट्रिक टन (7,74,759) की ही खरीद हो सकी है. जिसमें से 92 फीसदी से अधिक गेहूं मध्य प्रदेश में खरीदा गया है, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है. मध्य प्रदेश सेंट्रल पूल यानी बफर स्टॉक के लिए गेहूं का पंजाब के बाद दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है.
पंजाब बफर स्टॉक में सबसे ज्यादा गेहूं देता है, लेकिन वहां पर अभी खरीद ठीक से शुरू नहीं हो पाई है. ऐसा अनुमान है कि बैसाखी के बाद खरीद जोर पकड़ेगी. यही हाल हरियाणा का भी है. जहां एक अप्रैल से खरीद की कागजी घोषणा तो शुरू हो चुकी है लेकिन अब तक न तो पूरी तरह से आवक हो रही है और न खरीद. किसान मंडियों में गेहूं लेकर जा रहे हैं लेकिन उन्हें नमी की अधिक मात्रा बताकर लौटाया जा रहा है. एमएसपी पर गेहूं खरीद के लिए 12 फीसदी से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए. इस साल सरकार ने गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.
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राज्य की मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन नमी की मात्रा ज्यादा बताई जा रही है इसलिए खरीद नहीं हो पा रही है. कई जगहों पर खरीद एजेंसियों के अधिकारियों ने मंडियों में आए गेहूं का निरीक्षण करने के बाद किसानों को उसे सुखाने के निर्देश दिए हैं. पिछले साल भी हरियाणा की तमाम मंडियों में 10 अप्रैल तक गेहूं की खरीद नहीं शुरू हो पाई थी. किसान मंडियों में गेहूं सुखा रहे थे. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने 'किसान तक' से कहा कि इस बार गेहूं की कटाई में देरी है. अभी गेहूं पका नहीं है. नमी ज्यादा होने की वजह से ही अभी तक सरकारी खरीद ने जोर नहीं पकड़ा है.
हरियाणा में एफसीआई, वेयरहाउस कारपोरेशन, हैफेड और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से खरीद की जा रही है. 'किसान तक' से बातचीत में हरियाणा वेयरहाउस कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत ने कहा कि जिन किसानों का गेहूं नॉर्म्स के अनुसार है उनकी खरीद हो रही है. नमी तो चेक करनी पड़ेगी. सरकार कच्चा गेहूं तो नहीं खरीदेगी. गेहूं का एक-एक दाना खरीदा जाएगा लेकिन वह नियमों पर खरा उतरना चाहिए.
राज्य | खरीद (मीट्रिक टन) | रजिस्टर्ड किसान |
बिहार | 179.16 | 14,419 |
हरियाणा | 4,029.85 | 3,03,842 |
मध्य प्रदेश | 7,15,327.74 | 15,40,447 |
राजस्थान | 24,882.77 | 96,553 |
उत्तर प्रदेश | 30,339.20 | 2,83,027 |
Source: Ministry of Consumer Affairs, Food & Public Distribution
गेहूं की सबसे ज्यादा सरकारी खरीद पंजाब में होती है. यहां भी खरीद अभी ढंग से नहीं शुरू हो पाई है. कागजों में तो एक अप्रैल से खरीद जारी है. लेकिन खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की रिपोर्ट बता रही है कि वहां 9 अप्रैल तक एक दाना भी गेहूं नहीं खरीदा गया है. फाजिल्का के हमारे संवाददाता सुरिंदर गोयल ने बताया कि अभी गेहूं में नमी है इसलिए खरीद नहीं हो रही है. फसल में अभी देरी है. उम्मीद है कि बैसाखी के बाद खरीद में तेजी आएगी. लुधियाना स्थित एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी मानी जाने वाली खन्ना मंडी में भी अभी सन्नाटा है. इसके अलावा गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर से भी अब तक गेहूं खरीद की कोई सूचना नहीं है.
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