केंद्र सरकार की ओर से बाजार में गेहूं की मौजूदा ऊंची कीमतों को नीचे लाने के लिए एफसीआई के जरिए ट्रेडर्स को गेहूं की नीलामी मात्रा बढ़ा दी है. ताकि, बाजार में गेहूं की भरपूर आपूर्ति हो सके, जिससे कीमतों को एमएसपी स्तर पर या उससे नीचे लाया जा सके. आज से गेहूं की नीलामी शुरू होनी है. ट्रेडर्स को नीलाम किए जाने वाले गेहूं की मात्रा को केंद्र ने बढ़ाकर 5 लाख टन कर दिया है. ऐसे में आज की नीलामी पर सबकी निगाहें बनी हुई हैं. क्योंकि, आगामी सप्ताह से सरकार किसानों से 2425 रुपये में गेहूं खरीद करने वाली है. ऐसे में 3000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की बोली लगना मुश्किल है.
केंद्र सरकार की ओर से आज गुरुवार को गेहूं नीलामी पर स्टेकहोल्डर्स और अधिकारियों की कड़ी नजर रहेगी. क्योंकि कीमतों में अचानक उछाल के चलते पहले तय गेहूं आपूर्ति मात्रा 4 लाख टन से बढ़ाकर 5 लाख टन कर दी गई है. जबकि, दिसंबर में ट्रेडर्स को गेहूं नीलामी मात्रा केवल 1.4 लाख टन ही थी. बढ़ाई गई मात्रा में से 63 फीसदी की पेशकश 5 प्रमुख उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को की गई है.एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार बिहार, असम, कर्नाटक, दिल्ली और महाराष्ट्र सहित शीर्ष 10 राज्यों ने पिछले शुक्रवार को जुटाई गई कुल मात्रा का 80.6 फीसदी हिस्सा पा लिया है.
इंडस्ट्री से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश और गुजरात में नई फसल आ चुकी है और 30 दिनों में अन्य राज्यों में भी पहुंच जाएगी, अगर पर्याप्त आपूर्ति होती तो मिल मालिक 3000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक का भुगतान नहीं करते, खासकर तब जब सरकार अगली फसल 2425 रुपये के एमएसपी पर खरीदेगी. एक्सपर्ट ने कहा कि सरकार को उत्पादन अनुमान को गंभीरता से लगाने की जरूरत है या घरेलू खपत अनुमान का पुनर्मूल्यांकन करना होगा. क्योंकि रिकॉर्ड उत्पादन और 11-12 मिलियन टन दोनों सही नहीं हो सकते हैं. कृषि मंत्रालय के 113.29 मिलियन टन उत्पादन अनुमान और लगभग 101-102 मिलियन टन घरेलू खपत का जिक्र किया है.
पिछले सप्ताह की ई-नीलामी के दौरान उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक बोली 3159 रुपये प्रति क्विंटल और सबसे कम 2958 रुपये प्रति क्विंटल थी. 168 खरीदारों ने 3000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की बोली लगाई, जबकि केवल 30 मिलर्स ने 3000 रुपये प्रति क्विंटल से कम की बोली लगाई. इसकी तुलना में 12 फरवरी की नीलामी में राज्य में सबसे अधिक बोली 3010 रुपये और सबसे कम 2520 रुपये थी. उस वक्त 332 सफल बिडर्स में से केवल एक खरीदार ने 25 टन खरीदने के लिए 3000 रुपये से अधिक का भुगतान किया था.
पिछले सप्ताह कर्नाटक में सबसे अधिक बोली मूल्य 3424 रुपये, हरियाणा और महाराष्ट्र में 3200 रुपये, दिल्ली में 3131 रुपये, मध्य प्रदेश में 3120 रुपये प्रति क्विंटल, गुजरात में 3087 रुपये, राजस्थान में 3098 रुपये, पश्चिम बंगाल में 3091 रुपये, बिहार में 3104 रुपये और पंजाब में 3100 रुपये था.