महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में तीन अप्रैल को शुक्रवार शाम तेज आंधी के साथ बारिश हुई है. इस बेमौसमी बारिश से किसानों को खासा नुकसान हुआ है. तेज आंधी और बारिश की वजह ये पपीता, आम, हल्दी, प्याज, ज्वार जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा नुकसान बागवानी फसलों को हुआ है. किसानों की मांग है कि क्षतिग्रस्त इलाकों का पंचनामा करके उन्हें तुरंत मदद मुहैया कराई जाए.
मौसम विभाग ने महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में स्थिति बिगड़ने का अलर्ट जारी किया था. इस अलर्ट के बाद हिंगोली में तेज आंधी और बारिश नें ऐसा आतंक मचाया कि अगले कुछ समय के अंदर ही किसान प्रह्लाद जाधव के खेत में खड़ी पपीते की पूरी फसल जमींदोज हो गई. किसान जाधव नें बड़ी मेहनत से पपीते का बगीचा लगाया था. खेत कि जुताई और रोपाई से लेकर अब तक छह लाख रुपये का खर्च आया था. बाजार में पपीते की बढ़ती मांग को देखते हुए उन्हें उम्मीद थी कि बगीचे से उन्हें 20 लाख रुपये के आसपास आय होगी. मगर तेज आंधी और बारिश के कारण पपीते का पूरा बगीचा ही खत्म हो गया और उसके साथ उनकी उम्मीदें भी टूट गईं.
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कुछ यही हाल हल्दी, ज्वार, प्याज, आम, मोसंबी जैसी बाकी फसलों का भी है. इन दिनों हल्दी की फसलों का प्रोसेसिंग सीजन चल रहा है. किसानों ने हल्दी उबालकर उसे सुखाने के लिए डाला था. मगर रात कोई बारिश से पूरी हल्दी भीग गई है. अब इस वजह से बाजार में इस हल्दी को कम कीमत मिलेंगी. ज्वार और प्याज की फसलें भी जमीन पर गिरकर लगभग खत्म हो गईं हैं. किसानों की मानें तो इतने नुकसान के बाद भी अब तक तहसील या फिर कृषि विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी पंचनामा करने के लिए नहीं आया है.
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किसानों की सरकार से मांग है कि फसलों के नुकसान को देखते हुए सभी क्षतिग्रस्त इलाकों का पंचनामा किया जाए और तुरंत मदद मुहैया कराई जाए. फिलहाल देखना होगा कि राज्य सरकार इस दिशा में क्या कदम उठती है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक महाराष्ट्र के कई हिस्सों में 3 अप्रैल को बेमौसम बारिश हुई है. अगले कुछ दिनों में बारिश की वजह से संकट और बढ़ सकता है. मराठवाड़ा, जिसमें हिंगोली भी शामिल है, वहां के कई हिस्सों में तूफानी हवाओं के साथ बेमौसमी बारिश ने जमकर कहर ढहाया है.