उपभोक्ता मामले विभाग ने टमाटर की कीमतों (Tomato Price) में कमी के रुझान को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और नेफेड को 20 जुलाई से 70 रुपये प्रति किलोग्राम की खुदरा कीमत पर टमाटर बेचने के निर्देश दिए हैं. शुरू में एनसीसीएफ और नेफेड द्वारा खरीदे गए टमाटरों की खुदरा बिक्री 90 रुपये प्रति किलोग्राम पर गई थी. फिर 16 जुलाई, 2023 से इसे घटाकर 80 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया था. अब टमाटरों की कीमत के घटकर 70 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाने से उपभोक्ताओं को और भी लाभ होगा. सरकार अपनी ओर से इसकी महंगाई घटाने की कोशिश में जुटी हुई है. उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक टमाटर के भाव और कम हो जाएंगे और एक बार फिर से आम आदमी की थाली में टमाटर दिखने लगेगा.
केंद्र सरकार के निर्देश पर एनसीसीएफ और नेफेड ने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर की खरीद शुरू की है. इसकी वजह से बिचौलियों का मार्जिन खत्म हो गया है और उपभोक्ताओं को पहले से काफी सस्ता टमाटर उपलब्ध हो रहा है. दरअसल, किसानों को पहले भी व्यापारी 40 से 60 रुपये प्रति किलो के बीच ही दाम दे रहे थे और उसके बाद खुद तीन गुना रेट पर उसे उपभोक्ताओं को दे रहे थे. इसलिए ऐसे लोगों का मनोबल तोड़ने के लिए सरकार को खुद मैदान में कूदना पड़ा और टमाटर बेचने की जिम्मेदारी दो सहकारी एजेंसियों को दी गई.
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सरकार ने सीधे किसानों और मंडियों से टमाटर खरीदकर उन जगहों पर बेचना शुरू किया जहां पर महंगाई ज्यादा थी. जिन प्रमुख उपभोग केंद्रों पर पिछले एक महीने के दौरान खुदरा कीमतों में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई, वहां-वहां पर सहकारी एजेंसियों ने टमाटर बिक्री शुरू की. दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की खुदरा बिक्री 14 जुलाई से शुरू की गई थी. सरकार ने बताया है कि 18 जुलाई तक दोनों एजेंसियों द्वारा कुल 391 मीट्रिक टन टमाटर की खरीद की गई थी. जिसे दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार के उपभोक्ताओं को बेचा गया.
एनसीसीएफ और नफेड द्वारा रियायती दर पर टमाटर बेचने के बाद ओपन मार्केट के भाव में मामूली कमी देखी गई है. मामूली कमी इसलिए क्योंकि अभी बाजारों में दाम 140 रुपये प्रति किलो तक चल रहा है. हालांकि, सरकार के इस कदम से बिचौलिए दबाव में हैं. उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह में उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल जाएगी. लेकिन, सरकार सिर्फ टमाटर की महंगाई काबू करने पर जोर दे रही है जबकि बाकी सब्जियों के दाम भी आसमान पर हैं. इसमें भी कहीं न कहीं बिचौलियों की भूमिका मानी जा रही है. हरी मिर्च, अदरक और लहसुन के दाम भी काफी बढ़े हुए हैं.
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