Wheat Variety: कम पानी में ज्यादा उपज! जानें गेहूं की नई किस्म करण मंजरी के फायदे

Wheat Variety: कम पानी में ज्यादा उपज! जानें गेहूं की नई किस्म करण मंजरी के फायदे

करण मंजरी गेहूं की नई किस्म कम पानी में अधिक पैदावार देती है. मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान जैसे राज्यों के किसानों के लिए रबी सीजन में यह सबसे बेहतर विकल्प है. जानें बुवाई, खाद और सिंचाई के आसान तरीके.

गेहूं की उन्नत किस्मगेहूं की उन्नत किस्म
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 22, 2025,
  • Updated Oct 22, 2025, 7:21 PM IST

रबी सीजन की तैयारी कर रहे किसानों के लिए एक खुशखबरी है. भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई गेहूं की किस्म विकसित की है, जिसका नाम है करण मंजरी. यह किस्म कम पानी में भी अच्छी उपज देती है और खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है जहां पानी की कमी होती है. आइए जानते हैं इस नई किस्म के बारे में विस्तार से.

करण मंजरी गेहूं किस्म की खासियत

करण मंजरी गेहूं की खासियत यह है कि यह एक हेक्टेयर में लगभग 56.5 क्विंटल तक उपज दे सकती है. हालांकि सामान्य स्थिति में यह 35 से 36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है. यह किस्म विशेष रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान (कोटा-उदयपुर डिविजन), छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के झांसी शहर के लिए उपयुक्त मानी गई है.

इस किस्म को किसने तैयार किया?

करण मंजरी गेहूं की किस्म भारतीय कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई है. यह किस्म कम पानी में भी बेहतर उपज देती है, जो किसानों के लिए खास तौर पर लाभकारी है जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं.

करण मंजरी गेहूं की बुवाई कैसे करें?

  • बुवाई का सही समय: 20 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच.
  • बीज की मात्रा: एक हेक्टेयर के लिए 100 किलो बीज.
  • बीज उपचार: बुवाई से पहले बीज को ‘टेबुकोनाजोल 2% DS @ 1’ से उपचारित करें, ताकि बीज रोग मुक्त रहे.

खाद और सिंचाई का सही तरीका

  • खाद की मात्रा: सीमित सिंचाई वाले खेतों में 90:60:40 किलो NPK प्रति हेक्टेयर देना चाहिए.
  • खाद डालने का तरीका: बुवाई के समय आधी नाइट्रोजन, पूरी फास्फोरस और पोटाश डालें. बाकी की नाइट्रोजन 45-50 दिन बाद दें.
  • सिंचाई: इस किस्म को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं है. बस दो बार पानी देना है — पहली बार बुवाई से पहले और दूसरी बार 45-50 दिन बाद.

करण मंजरी की रोग प्रतिरोधक क्षमता

करण मंजरी गेहूं रोगों के खिलाफ मजबूत किस्म है. यह रस्ट, पीली रतुआ, तीलिया और कंडुआ जैसे रोगों का डटकर सामना करती है. रिसर्च में पाया गया कि इसमें रस्ट की मात्रा केवल 7%, तीलिया 3% और कंडुआ 11% है, जो इसे एक सुरक्षित और भरोसेमंद किस्म बनाता है.

पोषक तत्व और गुणवत्ता

करण मंजरी के दाने प्रोटीन में उच्च गुणवत्ता के होते हैं. इसके 1000 दानों का वजन लगभग 52 ग्राम होता है, जिससे यह मार्केटिंग और ग्रेडिंग दोनों में अच्छा प्रदर्शन करता है.

करण मंजरी- कम पानी में ज्यादा फायदे वाली किस्म

अगर एक लाइन में कहा जाए तो, करण मंजरी गेहूं की यह नई किस्म DDW 55 (D) कम पानी और कम लागत में अधिक लाभ देने वाली है. रबी सीजन के लिए यह किस्म किसानों के लिए उपज और मुनाफा दोनों बढ़ाने का सुनहरा अवसर है.

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