रबी सीजन की तैयारी कर रहे किसानों के लिए एक खुशखबरी है. भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई गेहूं की किस्म विकसित की है, जिसका नाम है करण मंजरी. यह किस्म कम पानी में भी अच्छी उपज देती है और खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है जहां पानी की कमी होती है. आइए जानते हैं इस नई किस्म के बारे में विस्तार से.
करण मंजरी गेहूं की खासियत यह है कि यह एक हेक्टेयर में लगभग 56.5 क्विंटल तक उपज दे सकती है. हालांकि सामान्य स्थिति में यह 35 से 36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है. यह किस्म विशेष रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान (कोटा-उदयपुर डिविजन), छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के झांसी शहर के लिए उपयुक्त मानी गई है.
करण मंजरी गेहूं की किस्म भारतीय कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई है. यह किस्म कम पानी में भी बेहतर उपज देती है, जो किसानों के लिए खास तौर पर लाभकारी है जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं.
करण मंजरी गेहूं रोगों के खिलाफ मजबूत किस्म है. यह रस्ट, पीली रतुआ, तीलिया और कंडुआ जैसे रोगों का डटकर सामना करती है. रिसर्च में पाया गया कि इसमें रस्ट की मात्रा केवल 7%, तीलिया 3% और कंडुआ 11% है, जो इसे एक सुरक्षित और भरोसेमंद किस्म बनाता है.
करण मंजरी के दाने प्रोटीन में उच्च गुणवत्ता के होते हैं. इसके 1000 दानों का वजन लगभग 52 ग्राम होता है, जिससे यह मार्केटिंग और ग्रेडिंग दोनों में अच्छा प्रदर्शन करता है.
अगर एक लाइन में कहा जाए तो, करण मंजरी गेहूं की यह नई किस्म DDW 55 (D) कम पानी और कम लागत में अधिक लाभ देने वाली है. रबी सीजन के लिए यह किस्म किसानों के लिए उपज और मुनाफा दोनों बढ़ाने का सुनहरा अवसर है.
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