किसान का 10 लाख का चारा जलकर राख, 5 घंटे की मशक्कत के बाद पाया काबू

किसान का 10 लाख का चारा जलकर राख, 5 घंटे की मशक्कत के बाद पाया काबू

रेवाड़ी के बावल क्षेत्र में ढाई सौ एकड़ कड़वी में भीषण आग, किसान को 10 लाख रुपये का नुकसान. 6 दमकल गाड़ियों ने 5 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू. जानें पूरी घटना.

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देशराज चौहान
  • Rewari,
  • Oct 22, 2025,
  • Updated Oct 22, 2025, 4:15 PM IST

रेवाड़ी जिले के बावल क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है. गांव नांगल ऊगरा के पास एक खेत में इकट्ठी की गई कड़वी (पशु चारा) में अचानक भीषण आग लग गई. इस हादसे में लगभग 250 एकड़ में फैली सूखी कड़वी जलकर राख हो गई. इससे शाहपुर गांव निवासी किसान खुशीराम को करीब 10 लाख रुपये का भारी नुकसान हुआ है.

आग लगते ही ग्रामीणों में मचा हड़कंप

कड़वी में आग इतनी तेज़ी से फैली कि आसमान में धुएं का गुबार छा गया. गांव नांगल ऊगरा, नांगल तेजू और शाहपुर के लोग धुएं को देखकर घबरा गए. आग की सूचना तुरंत 112 इमरजेंसी सेवा को दी गई, जिसके बाद दमकल विभाग को मौके पर बुलाया गया.

5 घंटे की मशक्कत के बाद पाया काबू

रेवाड़ी और बावल से करीब 5 से 6 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. दमकल कर्मियों और ग्रामीणों की कड़ी मेहनत के बाद लगभग 5 घंटे में आग पर काबू पाया जा सका. फिलहाल 3 दमकल गाड़ियां मौके पर तैनात हैं, ताकि आग दोबारा न भड़के.

ग्रामीणों ने निभाई अहम भूमिका

गांव के युवाओं और किसानों ने अपने-अपने ट्रैक्टर और पानी के टैंकरों से आग बुझाने में मदद की. खासकर नांगल ऊगरा, शाहपुर और नांगल तेजू के लोगों ने आग पर नियंत्रण पाने में दमकल कर्मियों का पूरा साथ दिया.

आग लगने का कारण अभी तक साफ नहीं

इस आगजनी की घटना का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. कुछ लोग पटाखों की चिंगारी से आग लगने की आशंका जता रहे हैं, वहीं कुछ ग्रामीण इसे साजिश मान रहे हैं. पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मामले की हर एंगल से जांच कर रही हैं.

किसान को हुआ भारी नुकसान

पीड़ित किसान खुशीराम के बेटे ने बताया कि इस कड़वी को एकत्रित करने में ही 4 लाख रुपये खर्च हुए थे, और इसकी कुल कीमत लगभग 10 लाख रुपये थी. अब सारी मेहनत राख में बदल चुकी है. यह चारा पशुओं के लिए सालभर की जरूरत थी.

प्रशासन से मुआवजे की मांग

ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि गरीब किसान को उचित मुआवजा दिया जाए. यह उसकी आजीविका का सवाल है, और बिना मदद के उसका जीवन यापन मुश्किल हो जाएगा.

रेवाड़ी की यह घटना न केवल एक किसान की मेहनत के राख होने की कहानी है, बल्कि यह प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए और भी मजबूत इंतजाम किए जाएं. आग लगने के कारणों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पीड़ित किसान को तत्काल राहत मिलनी चाहिए.

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