तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, 8 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट, धान फसल पर संकट

तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, 8 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट, धान फसल पर संकट

तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मानसून ने तेजी पकड़ ली है. मौसम विभाग ने 8 जिलों में रेड अलर्ट और चेन्नई समेत कई क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राहत-बचाव की समीक्षा की. वहीं, तिरुनेलवेली में भारी बारिश से धान की फसल को नुकसान की आशंका है.

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तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मॉनसून ने पकड़ी रफ्तार, 8 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट, धान फसल पर संकटतमिलनाडु में बारिश का रेड अलर्ट (सांकेतिक तस्‍वीर)

तमिलनाडु में पूर्वोत्तर मॉनसून ने जोर पकड़ लिया है. प्रदेश के कई इलाकों में मंगलवार को तेज बारिश के बीच मौसम विभाग ने आठ जिलों में ‘रेड अलर्ट’ और चेन्‍नई समेत कई अन्‍य जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, मुख्‍यमंत्री एम.के. स्‍टालिन ने हालात की समीक्षा कर अधिकारियों को राहत व बचाव के पूरे इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. मौसम विभाग के क्षेत्रीय केंद्र के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना निम्‍न दाब का क्षेत्र अब एक "चिह्नित निम्‍न दाब क्षेत्र" में बदल गया है, जो अगले 24 घंटों में और तेज होकर डिप्रेशन में बदल सकता है. मौसम विभाग ने कहा कि यह प्रणाली उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी-करीकल और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों की ओर पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़ रही है और अगले एक दिन में इसके और प्रबल होने की संभावना है.

इन 8 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने मंगलवार को आठ जिलों- विल्लुपुरम, कडलूर, मायिलादुथुरै, नागपट्टिनम, तिरुवल्लूर, तंजावुर, पुडुकोट्टई और रामनाथपुरम में रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं, चेन्‍नई, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, कल्‍लाकुरिची, पेरंबलूर, अरियालूर, तूतीकोरिन, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार, रेड अलर्ट का मतलब 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश, जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब है 11 से 20 सेंटीमीटर के बीच भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है.

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों के साथ की बैठक

तेज बारिश और संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सभी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को राहत शिविरों की अग्रिम तैयारी, भोजन, पीने का पानी और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और प्रशासन JCB मशीनें, नावें, मोटर पंप, ट्रक और आरी जैसी जरूरी उपकरणों के साथ पूरी तरह तैयार रहे.

साथ ही उन्होंने भारी बारिश वाले जिलों में आईएएस अधिकारियों को मॉनिटरिंग ऑफिसर के रूप में तैनात करने का आदेश दिया, जो राहत कार्यों की निगरानी करेंगे. सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ये मॉनिटरिंग अधिकारी विशेष रूप से कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर और डेल्टा क्षेत्रों जैसे तंजावुर व तिरुवारुर जिलों में राहत कार्यों का समन्वय करेंगे.

उप मुख्यमंत्री उदयनिधि का निरीक्षण दौरा

दिन के पहले उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने दक्षिण चेन्नई के कई इलाकों में बारिश से निपटने के लिए चल रहे बुनियादी ढांचा सुधार कार्यों का निरीक्षण किया. इन कार्यों में नालों की गहराई बढ़ाना, चौड़ीकरण, कंक्रीट की ढकी हुई नालियां बनाना, तूफानी जल निकासी प्रणाली विकसित करना और समुद्र में मिलने वाले मुहानों की सफाई शामिल है. उदयनिधि ने ओक्कियम माधवी नहर में चल रहे 27 करोड़ रुपये की लागत वाले परियोजना स्थल का दौरा किया. इसके अलावा उन्होंने कन्यागी नगर क्षेत्र में हो रहे डिसिल्टिंग (गाद हटाने) कार्यों का भी निरीक्षण किया.

खेती पर भारी असर की आशंका

इधर, दक्षिण तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में लगातार दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. अंबासमुद्रम और आसपास के गांवों में हजारों एकड़ धान की फसल कटाई के समय बर्बाद होने की कगार पर है. ककनल्लूर गांव के किसान सुब्रमण्‍यम ने कहा, “इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के तुरंत बाद पूर्वोत्तर मॉनसून शुरू हो गया, जिससे हमें धान की कटाई का समय नहीं मिला. खेतों में फसल खड़ी है और लगातार बारिश से वह गिरने लगी है. सरकार अगर ‘घर-घर धान खरीद’ की सुविधा शुरू कर दे तो किसानों को बहुत राहत मिलेगी.” कई जगहों पर खेतों में पड़े धान के पौधे झुक गए हैं और कुछ इलाकों में तो धान के पौधों से अंकुर फूटने लगे हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा.

जल संसाधन विभाग ने खोले फ्लड रेगुलेटर

चेन्‍नई के पल्लीकरणई क्षेत्र में अधिक जलभराव को देखते हुए राज्य के जल संसाधन विभाग ने मंगलवार को केलकट्टलाई और नारायणापुरम झीलों के फ्लड रेगुलेटर (बाढ़ निकासी द्वार) खोल दिए हैं, ताकि झीलों का जलस्तर नियंत्रित रखा जा सके. पूर्वोत्तर मॉनसून के इस शुरुआती दौर ने ही तमिलनाडु के तटीय और कृषि क्षेत्रों में चिंता बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक राज्य के कई हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है. सरकार ने आम लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें. (पीटीआई)

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