पंजाब में जैसे-जैसे धान की कटाई बढ़ रही है वैसे-वैसे पराली जलाने के मामले भी बढ़ रहे हैं. एक नवंबर को 1921 मामले सामने आए हैं जोकि इस सीजन के सर्वाधिक मामले हैं. इससे पहले 31 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की 1389 घटनाएं हुई थीं. पराली जलाने के मामलों में संगरूर जिला टॉप पर है. जहां पर एक ही दिन में पराली चलाने के 345 सामने मामले सामने आए हैं. तरनतारन में 226, फिरोजपुर में 200, मानसा में 157 और पटियाला में 127 मामले दर्ज किए गए हैं. इस सीजन में अब तक पंजाब में पराली जलाने के मामलों का आंकड़ा बढ़कर 9594 हो चुका है. यह देश में सबसे अधिक है. इससे अधिक पराली जलाने की घटनाएं कहीं नहीं हुई हैं.
पंजाब के कई शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) भी लगातार बिगड़ता जा रहा है. भटिंडा का AQI 279, लुधियाना का 254, अमृतसर का 218, पटियाला का 180, मंडी गोबिंदगढ़ का 262 और जालंधर का 169 AQI रिकॉर्ड किया गया है. पराली जलाने की घटनाओं के कारण राज्य के ज्यादातर हिस्सों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है. दिल्ली के कई हिस्सों में भी गुरुवार को हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' क्षेत्र में दर्ज की गई और शहर में लगातार तीसरे दिन भी धुंआ छाया रहा.
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खेतों में आग लगने की घटनाओं और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बीच, वैज्ञानिकों ने अगले दो हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी की चेतावनी दी है. यह चिंताजनक है, क्योंकि कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक पहले ही 400 से अधिक हो चुका है. स्वास्थ्य क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इससे बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं बढ़ सकती हैं. दिल्ली में 10 बजे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 351 दर्ज किया गया. तो वहीं बुधवार को
24 घंटे का औसत AQI 364 था, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था.
शहर के कई इलाकों में जैसे पंजाबी बाग (416), बवाना (401), मुंडका (420) और आनंद विहार (413) में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई. इन स्थानों पर पीएम 2.5 सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से छह से सात गुना अधिक थी.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि सरकार लगातार पांच दिनों तक 400 अंक से ऊपर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दर्ज करने वाले क्षेत्रों में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाएगी. सरकार ने वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए भी "रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ" लॉन्च किया है और सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने और वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 1,000 निजी सीएनजी बसें किराए पर लेने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी गाजियाबाद में AQI 230, फ़रीदाबाद में 324, गुरुग्राम में 230, नोएडा में 295 और ग्रेटर नोएडा में 344 था. राजधानी में 1 नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या बढ़ जाती हैं.
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