Bajra Procurement: हर‍ियाणा में MSP पर बाजरा खरीद का बना र‍िकॉर्ड, राजस्थान सरकार ने बनाया 'उपेक्ष‍ित अनाज'

Bajra Procurement: हर‍ियाणा में MSP पर बाजरा खरीद का बना र‍िकॉर्ड, राजस्थान सरकार ने बनाया 'उपेक्ष‍ित अनाज'

देश के बाजरा उत्पादन में महज 13 फीसदी की ह‍िस्सेदारी रखने वाले हर‍ियाणा ने एमएसपी पर हुई बाजरे की कुल खरीद में र‍िकॉर्ड 81 फीसदी की ह‍िस्सेदारी कर ली है. जबक‍ि कुल उत्पादन में 47.5 फीसदी की ह‍िस्सेदारी रखने वाले राजस्थान की सरकार ने एक दाने की भी सरकारी खरीद नहीं की है. मोटे अनाजों की सरकारी उपेक्षा होगी तो कैसे बढ़ेगी खेती? 

हर‍ियाणा सरकार ने एमएसपी पर सबसे ज्यादा बाजरा खरीदा है. हर‍ियाणा सरकार ने एमएसपी पर सबसे ज्यादा बाजरा खरीदा है.
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Feb 10, 2025,
  • Updated Feb 10, 2025, 6:15 PM IST

मोटे अनाजों का नाम बदलकर श्री अन्न तो कर द‍िया गया है लेक‍िन उसके प्रत‍ि सरकारों की रवैया नहीं बदला है. देश में कुल बाजरा उत्पादन का महज 5.88 फीसदी ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा गया है. देश के सबसे बड़े बाजरा उत्पादक सूबे राजस्थान में तो इसके एक दाने की भी सरकारी खरीद नहीं हुई है. सरकारी खरीद का यह हाल तब है जब बाजार में बाजरे का दाम एमएसपी से कम है. हालांक‍ि, हर‍ियाणा सरकार ने इस मामले में संजीदगी द‍िखाई है. बाजरा खरीद में अकेले 81 फीसदी की ह‍िस्सेदारी हर‍ियाणा की है. नायब स‍िंह सैनी सरकार ने एमएसपी पर टारगेट से अध‍िक बाजरा खरीदा है. इस साल स‍िर्फ तीन राज्यों हर‍ियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात में एमएसपी पर बाजरा खरीदा गया है. 

देश में साल 2024-25 के दौरान 93.7 लाख टन बाजरा पैदा हुआ है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 10 फरवरी को जो आंकड़ा जारी क‍िया है उसके अनुसार देश में कुल 5,53,356 मीट्र‍िक टन बाजरा खरीदा गया है. ज‍िसमें से 4,48,387 मीट्र‍िक टन अकेले हर‍ियाणा में खरीदा गया है. जबक‍ि देश के कुल बाजरा उत्पादन में हर‍ियाणा की ह‍िस्सेदारी स‍िर्फ 13 फीसदी है. उत्पादन में स‍िर्फ 13 फीसदी के ह‍िस्सेदार हर‍ियाणा ने देश में एमएसपी पर हुई बाजरे की कुल खरीद में 81 फीसदी की ह‍िस्सेदारी कर ली है. यह अपने आप में र‍िकॉर्ड है. हमने उन क‍िसानों को अच्छे दाम की सौगात दी है जो प्रकृत‍ि और सेहत के ल‍िए अच्छी फसल को उगा रहे हैं. 

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योगी सरकार ने भी दी तवज्जो 

बाजरा खरीद में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है, जहां पर 1,01,150 मीट्र‍िक टन खरीद हो चुकी है, जो कुल खरीद का18 फीसदी है. देश के बाजरा उत्पादन में उत्तर प्रदेश की 21.30 फीसदी की ह‍िस्सेदारी है. योगी आद‍ित्यनाथ सरकार ने भी मोटे अनाजों की खरीद पर जोर द‍िया है, ज‍िसकी आंकड़े गवाही दे रहे हैं. गुजरात में स‍िर्फ 3,934 मीट्र‍िक टन बाजरा खरीदा गया है जबक‍ि कुल उत्पादन में उसकी 12.02 फीसदी हिस्सेदारी है.

हालांक‍ि, उत्पादन में 47.5 फीसदी की ह‍िस्सेदारी रखने वाले राजस्थान ने क‍िसानों को न‍िराश क‍िया है. क‍िसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है क‍ि राजस्थान में करीब एक दशक से बाजरे की एमएसपी पर खरीद नहीं हुई है, ज‍िससे क‍िसानों को अपनी उपज नुकसान में बेचना पड़ता है. 

क‍ितने क‍िसानों को म‍िला लाभ 

  • हर‍ियाणा के 1,58,452 बाजरा क‍िसानों ने एमएसपी पर बाजरा बेचा. उसके बदले में क‍िसानों को 1173.36 करोड़ रुपये का भुगतान क‍िया गया है. 
  • उत्तर प्रदेश के 16,745 क‍िसानों से एमएसपी पर बाजरा बेचा है. ज‍िसके बदले क‍िसानों को 266.64 करोड़ रुपये का भुगतान क‍िया गया है. 
  • बाजरा प्रमुख मोटा अनाज है. सरकार ने इसका एमएसपी 2625 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय क‍िया हुआ है. लेक‍िन देश में इसका औसत दाम एमएसपी से कम ही है. 

उपेक्ष‍ित अनाज बना बाजरा 

श्री अन्नों को प्रमोट करने के ल‍िए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पूरी दुन‍िया ने 2023 में इंटरनेशन ईयर ऑफ म‍िलेट मनाया था. लेक‍िन, म‍िलेट ईयर बीतते ही बाजरे की उपेक्षा शुरू हो गई. जबक‍ि, म‍िलेट्स की खेती कम पानी और नाम मात्र की खाद में होती है, इसल‍िए पर्यावरण के ल‍िए भी इसे बहुत अच्छा माना जाता है. ऐसे में जो राज्य एमएसपी पर इसकी खरीद बढ़ाएंगे वहां इसकी खेती बढ़ेगी. पंजाब में इसकी खेती से क‍िसान मुंह मोड़ चुके हैं. अगर सरकारी खरीद को लेकर सरकारों का यही रवैया रहा तो राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे सूबों में भी क‍िसान मजबूरी में ही बाजरा की खेती करेंगे. 

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