महाराष्ट्र में केला उत्पादन के लिए कभी जलगांव का नाम लिया जाता था. पर अब सोलापुरी केले की पहचान काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. दरअसल, सोलापुर जिले में निर्यात योग्य केले की खेती के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी होती जा रही है. साथ ही यहां उगाई जाने वाली अच्छी क्वालिटी के कारण सोलापुरी केले की अरब देशों में मांग भी बढ़ गई है. ऐसे में सोलापुर जिले से प्रतिदिन 50 ट्रक (10 टन का एक ट्रक) केले के बॉक्स पैकिंग में अरब देशों में निर्यात किए जा रहे हैं. इससे किसानों का टर्नओवर करोड़ों में पहुंच गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक ये टर्नओवर करीब 3 हजार करोड़ रुपये का है.
‘लोकमत’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सोलापुर जिले के करमाला, माधा, पंढरपूर, मालशिरस तालुकों में केले की खेती बढ़ी है. आमतौर पर यहां केले की खेती 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती रही है. जिसमें सबसे ज्यादा केले की खेती 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले करमाला तालुका में और उससे कम 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले माधा तालुका में होती है. साथ ही पंढरपुर में 5 हजार हेक्टेयर और मालशिरस में 3 हजार हेक्टेयर में केले की खेती हो रही है. वहीं, सोलापुरी केले बड़ी मात्रा में ईरान, इराक, अरब अमीरात, अफगानिस्तान तक निर्यात किए जा रहे हैं.
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करमाला तालुका कृषि अधिकारी संजय वाकड़े ने कहा कि जिले के करमाला तालुका में पिछले दस से बारह वर्षों से केले की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है. यहां केले की मांग के कारण किसानों को अच्छी कीमत मिल रही है. इससे इस जिले के किसानों के जीवन स्तर में वृद्धि हुई है.
केले की बढ़ती मांग पर वहां के किसानों ने कहा कि यहां के केले अपनी मिठास के कारण अरब देशों में लोगों के के बीच लोकप्रिय हो गए. इसलिए सोलापुरी केले का निर्यात किया जा रहा है. वहीं, निर्यात किए गए केले की अच्छी कीमत मिल रही है. वहीं दूसरे किसान ने बताया कि सोलापुर जिले में केले का उत्पादन बढ़ रहा है. इसलिए यहां केला अनुसंधान केंद्र बनाया जाना चाहिए क्योंकि आधुनिक तरीके से केले की खेती कर किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जा सकता है.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के जलगांव जिले में स्थित भुसावल का केला बहुत प्रसिद्ध है. इसकी खासियत यह है कि यह अन्य केलों के मुकाबले ज़्यादा फाइबर और मिनरल से भरपूर होता है. इसी वजह से इसे साल 2016 में जीआई टैग दिया गया था. भुसावल केले की विदेशों में भी बहुत मांग है. यह केला बड़े पैमाने पर दुबई में एक्सपोर्ट किया जाता है. ठीक उसी तरह सोलापुरी केले की मांग भी निर्यात में तेजी से बढ़ रही है जिससे किसानों की कमाई बढ़ाने में मदद मिल रही है.