शरद पवार ने सरकार से की अपील, गन्ना मिलों पर लगाया गया शुल्क वापस लें

शरद पवार ने सरकार से की अपील, गन्ना मिलों पर लगाया गया शुल्क वापस लें

शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार से गन्ना मिलों पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क को वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद सरकार खुद करे, किसानों पर बोझ न डाले.

शरद पवार ने की सरकार से ये अपीलशरद पवार ने की सरकार से ये अपील
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 06, 2025,
  • Updated Oct 06, 2025, 12:17 PM IST

हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने गन्ना मिलों पर अतिरिक्त शुल्क (लेवी) लगाने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि यह पैसा मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) में जमा किया जाएगा, ताकि मराठवाड़ा क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित किसानों की मदद की जा सके. इसके तहत, गन्ने पर ₹10 प्रति टन और बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए ₹5 प्रति टन का शुल्क लगाया गया है.

शरद पवार ने जताई नाराज़गी

एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह किसानों पर "अन्याय" है और सरकार को इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए. पुणे में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा, "मैं हैरान हूं कि सरकार बाढ़ पीड़ित किसानों की मदद खुद नहीं कर रही, बल्कि गन्ना किसानों से पैसा वसूल रही है."

अन्य नेताओं ने भी किया विरोध

शरद पवार के अलावा, राजू शेट्टी, कांग्रेस एमएलसी सतेज पाटिल, और एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने भी इस शुल्क का विरोध किया है. इन नेताओं का कहना है कि यह फैसला गन्ना किसानों के लिए आर्थिक बोझ बन जाएगा, जो पहले से ही महंगाई और खराब मौसम की मार झेल रहे हैं.

सरकार ने दी सफाई

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई देते हुए कहा कि यह योगदान किसानों की आमदनी से नहीं, बल्कि गन्ना मिलों के मुनाफे से लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र की करीब 200 मिलों से हर एक से लगभग ₹25 लाख की मदद ली जाएगी. "कुछ लोग इसे किसानों से पैसा वसूलने की तरह दिखा रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है," फडणवीस ने कहा.

शरद पवार ने सुझाए विकल्प

शरद पवार ने कहा कि सरकार को केंद्र से सहायता मांगनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने अब तक केंद्र सरकार को सहायता के लिए अंतिम रिपोर्ट भी नहीं भेजी है. "सरकार को तुरंत रिपोर्ट तैयार करके केंद्र को भेजनी चाहिए और साथ ही बारिश से प्रभावित जिलों में अधिकारियों को भेजकर नुकसान का आकलन करना चाहिए," पवार ने कहा.

किसानों पर नहीं, सरकार पर जिम्मेदारी

मराठवाड़ा में बाढ़ से किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ऐसे में यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह राहत प्रदान करे, न कि गन्ना मिलों या किसानों पर अतिरिक्त बोझ डाले. शरद पवार और अन्य नेताओं की अपील यही है कि सरकार जनता के हित में सोचते हुए गन्ना मिलों पर लगाया गया यह अतिरिक्त शुल्क वापस ले.

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