अधिक बारिश से बर्बाद हुई खरीफ फसलें, सरकार घटा सकती है उत्पादन का अनुमान

अधिक बारिश से बर्बाद हुई खरीफ फसलें, सरकार घटा सकती है उत्पादन का अनुमान

देश के कई राज्यों में हुई अत्यधिक बारिश से ख़रीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है. धान, कपास, गन्ना और दालें प्रभावित, सरकार उत्पादन अनुमान घटा सकती है. जानिए पूरी जानकारी.

बारिश की वजह से खरीफ फसलों को हुआ नुकसानबारिश की वजह से खरीफ फसलों को हुआ नुकसान
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 06, 2025,
  • Updated Oct 06, 2025, 10:36 AM IST

देश के कई राज्यों में सितंबर और अक्टूबर में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जिससे ख़रीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है. खासकर महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो गई हैं. अभी भी देश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में बारिश जारी है, जिससे फसल की कटाई में देरी हो रही है. कृषि मंत्रालय ने जानकारी दी है कि राज्यों से रिपोर्ट मिलने के बाद नुकसान का आकलन किया जा रहा है.

किन-किन फसलों पर हुआ असर?

पैडी (धान), दालें, कपास और गन्ना जैसी मुख्य फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं. इससे देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन पर असर पड़ सकता है.

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा नुकसान

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय (मामा) भराने के अनुसार, राज्य में 14.4 मिलियन हेक्टेयर बोए गए क्षेत्र में से करीब 6.8 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र बारिश से प्रभावित हुआ है. प्रमुख फसलें जैसे सोयाबीन, मक्का, कपास, उड़द, तूअर, मूंग, सब्जियां, फल, बाजरा, गन्ना और प्याज को भारी नुकसान हुआ है. अगस्त के आकलन के आधार पर ₹2,215 करोड़ की सहायता दी जा रही है और सितंबर के आंकड़ों के आधार पर नई राहत राशि जल्द घोषित होगी.

पंजाब और राजस्थान की स्थिति

पंजाब में करीब 0.5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र पर फसलें प्रभावित हुई हैं. राज्य सरकार ने रबी फसल के लिए किसानों को मुफ्त गेहूं बीज देना शुरू कर दिया है. वहीं राजस्थान में बारिश के कारण कटाई के बाद खेतों में पड़ी फसलें भीग गई हैं. राज्य सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत किसानों को 14 दिन के भीतर नुकसान का मुआवजा देने की घोषणा की है.

पश्चिम बंगाल में मिली-जुली स्थिति

चावल उत्पादन में अग्रणी पश्चिम बंगाल में बारिश से कुछ इलाकों में फसल को फायदा हुआ है, जबकि कुछ जगहों पर जलभराव से नुकसान भी हुआ है. आगे का मौसम तय करेगा कि कुल मिलाकर स्थिति कैसी रहेगी.

उत्पादन अनुमान घट सकता है

सरकार ने 2025-26 के लिए 171 मिलियन टन ख़रीफ खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन अब इस अनुमान को घटाया जा सकता है. 2024-25 में यह आंकड़ा 168 मिलियन टन था.

पूरे देश में ज्यादा बारिश

मॉनसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देश में औसतन 108% बारिश हुई, जो सामान्य से अधिक है. चारों महीनों में बारिश सामान्य से ऊपर रही: जून (109%), जुलाई (105%), अगस्त (109%), और सितंबर (115%).

आर्थिक असर पर नजर

हालांकि कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर पहली तिमाही में 3.7% रही, लेकिन अब फसलों के नुकसान से ग्रोथ पर असर पड़ सकता है. अर्थशास्त्री अभी इस पर आकलन कर रहे हैं कि फसलों की पैदावार, कीमतें और सरकारी खरीद नीति मिलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेंगी.

अत्यधिक बारिश ने इस साल देश के कई हिस्सों में ख़रीफ फसलों को नुकसान पहुंचाया है. सरकार राहत पहुंचाने के साथ-साथ उत्पादन के नए अनुमान तैयार कर रही है. किसानों को सलाह है कि वे राज्य सरकार और कृषि विभाग की घोषणाओं पर नजर रखें और बीमा योजनाओं का लाभ उठाएं.

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