Paddy Procurement: हरियाणा के करनाल में धान खरीद के नाम पर धांधली! किसानों ने किया प्रदर्शन 

Paddy Procurement: हरियाणा के करनाल में धान खरीद के नाम पर धांधली! किसानों ने किया प्रदर्शन 

भारी तादाद में किसान प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे. किसानों का प्रदर्शन काफी घंटों तक जारी रहा, जिससे अनाज मंडी में कामकाज पर भी असर पड़ा. किसानों और आढ़तियों ने चेतावनी दी कि अगर खरीद प्रक्रिया तुरंत शुरू नहीं की गई, तो वे अपने आंदोलन को तेज करते हुए जीटी रोड जाम कर सकते हैं. किसानों की मानें तो कुछ अवसरवादी खरीदार धान को बेहद कम दामों पर खरीद रहे हैं.

Thrashing paddy crop in AmritsarThrashing paddy crop in Amritsar
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Oct 06, 2025,
  • Updated Oct 06, 2025, 11:28 AM IST

हरियाणा में धान की खरीद जोर-शोर से जारी है. किसान तय नियमों और मानकों के मुताबिक फसल लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. जहां राज्‍य के अलग-अलग जिलों में खरीद से जुड़ीं अलग-अलग जानकारियां सामने आ रही हैं तो वहीं करनाल में किसानों और आढ़तियों ने न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य यानी एमएसपी से कम कीमत पर खरीद का आरोप लगाया है. रविवार दोपहर किसानों और आढ़तियों ने मंडी में धान की खरीद एमएसपी पर ही करने को लेकर अनाज मंडी में विरोध प्रदर्शन किया. 

कई घंटों तक चला प्रदर्शन 

भारी तादाद में किसान प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे. किसानों का प्रदर्शन काफी घंटों तक जारी रहा, जिससे अनाज मंडी में कामकाज पर भी असर पड़ा. किसानों और आढ़तियों ने चेतावनी दी कि अगर खरीद प्रक्रिया तुरंत शुरू नहीं की गई, तो वे अपने आंदोलन को तेज करते हुए जीटी रोड जाम कर सकते हैं. किसानों की मानें तो कुछ अवसरवादी खरीदार धान को बेहद कम दामों पर खरीद रहे हैं.बाकी किसानों को नमी की मात्रा का हवाला देकर सही कीमत देने से इनकार किया जा रहा है. 

भारतीय किसान यून‍ियन (बीकेयू) के प्रदेश अध्यक्ष रत्तन मान ने कहा, 'आज हमने मंडी के अंदर से ही उसे बंद कर दिया है और तौल मशीन यूनिट भी बंद कर दी है. लेकिन अगर सरकार जल्द ही फसलों की खरीद शुरू नहीं करती तो हम हाईवे भी जाम करेंगे.' उन्होंने आरोप लगाया कि नमी के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है. उनका कहना था कि या तो ख़रीद हो ही नहीं रही है, या अगर हो भी रही है तो व्यापारी 200-800 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती कर रहे हैं. 

लगाया साठगांठ का आरोप 

करनाल आढ़ती संघ के अध्यक्ष रजनीश चौधरी ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों पर जानबूझकर खरीद में देरी करने का आरोप लगाया. चौधरी ने कहा, 'विभाग चावल मिल मालिकों की फाइलें निपटा नहीं रहा है जिसकी वजह से वे आगे नहीं आ रहे हैं. जब तक मिल मालिक इसमें शामिल नहीं होंगे किसानों की फसलें औने-पौने दामों पर खरीदी जाती रहेंगी. यह लोगों को ठगने का एक संगठित गठजोड़ है.' 

किसानों में सुरिंदर सांगवान और महताब कादियान सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि अनाज मंडियां अब शोषण के केंद्र बन चुकी हैं. उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत खरीद प्रक्रिया शुरू करे ताकि वो किसान जो अपनी फसलें मंडी में लेकर आए हैं उन्हें उनकी उपज की सही कीमत मिल सके. कादियान ने कहा, 'हमारी फसल को नमी की मात्रा के नाम पर लूटा जा रहा है. यह पूरी तरह अस्वीकार्य है. सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए.' 

हाइवे पर रुका ट्रैफिक 

प्रदर्शन की वजह से नेशनल हाइवे-44 की सर्विस लेन पर धान से लदे ट्रैक्टरों और ट्रेलरों की लंबी कतारें लग गईं. इस बीच, निघडू अनाज मंडी में भी किसानों और आढ़तियों ने धान की खरीद न होने को लेकर प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि मंडी का आवंटन होने के बावजूद चावल मिल मालिक खरीद में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे. इसकी वजह से ही उन्हें विरोध का सहारा लेना पड़ा. दोपहर करीब 12:30 बजे उन्होंने मंडी का गेट बंद कर दिया और बाकी मिलर्स को खरीद का आवंटन करने का भरोसा मिलने के बाद करीब 3 बजे प्रदर्शन खत्‍म हुआ. एक किसान ने बताया, 'निघडू अनाज मंडी में जिन मिलर्स को खरीद का जिम्मा दिया गया था, वे रुचि नहीं दिखा रहे थे. इसलिए हमारे पास विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. अब हमें पांच और मिलर्स के आवंटन का भरोसा मिला है और इसके बाद प्रदर्शन खत्म किया.' 

हुड्डा ने सुनीं शिकायतें 

प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल (CLP) के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा करनाल अनाज मंडी पहुंचे, लेकिन किसानों के विरोध के चलते उन्हें अपना वाहन गेट पर ही छोड़कर पैदल मंडी में प्रवेश करना पड़ा. हुड्डा ने धरनास्थल पर पहुंचकर किसानों की शिकायतें सुनीं. जननायक जनता पार्टी (JJP) के अध्यक्ष अजय चौटाला भी करनाल अनाज मंडी पहुंचे और किसानों और आढ़तियों के धरने में शामिल हुए. उन्होंने सरकार पर धान की खरीद न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी खरीद की जा रही है, वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दर पर की जा रही है. 

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