Success Story: काले अनाज की खेती ने बदला सहारनपुर के इस किसान का जीवन, पैदावार और कीमत दोनों डबल

Success Story: काले अनाज की खेती ने बदला सहारनपुर के इस किसान का जीवन, पैदावार और कीमत दोनों डबल

Saharanpur Farmer Story: आदित्य त्यागी बताते हैं कि इस काले अनाज में एंथोसायनिन होता है, जो कैंसर की कोशिकाओं को बनने से रोकता है. साथ ही, काले अनाज की रोटी बनाकर खाने से पेट भारी नहीं लगता. इससे शरीर को तमाम तरह के फायदे मिलते हैं.

सहारनपुर में काले गेहूं और चावल की खेती करने वाले गांव मेहरबानी के प्रगतिशील किसान आदित्य त्यागी (Photo-Kisan Tak)सहारनपुर में काले गेहूं और चावल की खेती करने वाले गांव मेहरबानी के प्रगतिशील किसान आदित्य त्यागी (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Mar 25, 2025,
  • Updated Mar 25, 2025, 4:44 PM IST

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में काले गेहूं और चावल की खेती करने वाले गांव मेहरबानी के प्रगतिशील किसान आदित्य त्यागी ने जिले में आज एक अलग पहचान बनाई हैं. उन्होंने अपने खेत में ऑर्गेनिक तरीके से काले अनाज की खेती की है. आदित्य ऑर्गेनिक खेती में भी अधिक उत्पादन लेकर उन किसानों के लिए नजीर बन गए हैं, जो कहते हैं कि ऑर्गेनिक फार्मिंग में उत्पादन कम होता है. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में त्यागी ने बताया कि एक एकड़ में काले गेहूं और चावल की खेती बीते 5 वर्षों से करते आ रहे है. उन्होंने बताया कि बाकी गेहूं और चावल के मुकाबले इस काले अनाज का दाम ज्यादा होता है. इस खेती की खासियत है कि इसमें लागत भी कम लगती है और ये सामान्य गेहूं की तुलना में चार गुना अधिक दाम पर बिकता है. 

उत्पादन और कीमत दोनों डबल

गेहूं का दाम 4000 रुपये से अधिक प्रति क्विंटल तक मिलते हैं. जबकि नॉर्मल रेट 2500-3000 हजार रुपये के बीच है. इसकी खेती करने से मुनाफा डबल होता है. सफल किसान आदित्य त्यागी बताते हैं कि हम काले अनाज का उत्पादन उतना ही करते है जितनी डिमांड रहती है, क्योंकि हमारे पर फिक्स ग्राहक है, जो हाथों हाथ इसे खरीद लेते हैं. काले गेहूं की रोटी काफी मुलायम रहते है, दूसरा इसको खाने से पेट हल्का रहता है.वहीं, सामान्य अनाज की तुलना में इस अनाज का दाम डेढ़ से दोगुना अधिक है.

साधारण गेहूं और काले गेहूं में अंतर

आदित्य त्यागी बताते हैं कि इस काले अनाज में एंथोसायनिन होता है, जो कैंसर की कोशिकाओं को बनने से रोकता है. साथ ही, काले अनाज की रोटी बनाकर खाने से पेट भारी नहीं लगता. इससे शरीर को तमाम तरह के फायदे मिलते हैं. क्योंकि यह काला गेहूं ग्लूटेन फ्री होता है. पैदावार के सवाल पर उन्होंने बताया कि एक एकड़ में 4 क्विंटल प्रति बीघा काला गेहूं और चावल हो जाता है. आदित्य त्यागी ने बताया कि काले गेहूं में कुदरती एंटी ऑक्सिडेंट और एंटीबायोटिक गुण हैं जो मधुमेह, दिल की बीमारी, कैंसर, मानसिक तनाव, घुटनों के दर्द और एनीमिया जैसे रोगों के निदान में काफी कारगर है.

सालाना लाखों में मुनाफा

काला चावल के उत्पादन पर उन्होंने बताया कि 2 क्विंटल एक बीघा में निकल जाता है. 200-400 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाजार में बिक जाता है, जबकि नॉर्मल चावल बासमती 100- 110 रुपये बिकता है. काला बासमती चावल 2 क्विंटल निकलती है, इसे हम 4 हजार रुपये प्रति क्विंटल के रेट से बेचते है. कुल मिलाकर मुनाफा एक साल में दोनों फसलों से लाखों में हो जाता है. बाकी मौसमी सब्जियों की पैदावार से भी कमाई हो जाती है. 

जानिए कब होती है काले गेहूं की बुवाई

सहारनपुर के मेरवानी में रहने वाले 68 साल के प्रगतिशिल किसान आदित्य त्यागी ने बताया कि काले गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त महीना अक्टूबर और नवंबर का होता है. काले गेहूं की खेती के लिए प्रयाप्त मात्रा में नमी होनी चाहिए. काले गेहूं की खेती के लिए सबसे अच्छा समय होता है नवंबर का. उन्होंने बताया कि कुछ किसान दिसंबर के पहले हफ्ते तक भी इसकी बुआई करते हैं. इसकी खेती में बुआई के तीन हफ्ते बाद पहली सिंचाई होती है और फिर समय-समय पर जरूरत के हिसाब से सिंचाई की जाती है. काले गेहूं की खेती से प्रति एकड़ करीब 15 क्विंटल तक की पैदावार मिलती है. 

नीम और गाय के गोमूत्र से तैयार 'निमास्त्र' का छिड़काव

वहीं, आदित्य त्यागी ने आगे बताया कि वो अपनी फसलों पर नीम और गाय के गोमूत्र से तैयार 'निमास्त्र' का छिड़काव के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जबकि गाय के गोबर को सड़ाकर उसे खाद के रूप में बिखेरा जाता है. त्यागी बताते हैं कि उन्हें शुरू से ही पहाड़ी क्षेत्र में रहकर शुद्ध ऑर्गेनिक चीजें खाना पसंद था, इसलिए उन्होंने ऑर्गेनिक खेती को ही अपनाया.

रिटायरमेंट के बाद शुरू की ऑर्गेनिक फार्मिंग

बता दें कि सहारनपुर के मेरवानी में रहने वाले किसान आदित्य त्यागी 2015 में उत्तराखंड वन विभाग से फॉरेस्ट रेंजर के पद पर तैनात थे. अपने पद से रिटायर होने के बाद अब वो खेती-किसानी से घर बैठे लाखों रुपये की आय कर रहे हैं.

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