काफी समय बाद कपास की खेती करने वाले किसानों में एक उम्मीद की किरण जगी है कि अब दाम अच्छा मिलेगा. प्रमुख कपास उत्पादक महाराष्ट्र की कई मंडियों में इसका दाम पहली बार 8000 रुपये प्रति क्विंटल के पार हो चुका है. जबकि केंद्र सरकार ने लंबे रेशे वाले कॉटन का एमएसपी 7020 रुपये जबकि मध्यम रेशे वाले की एमएमपी 6620 रुपये क्विंटल तय की हुई है. इस बार उत्पादन कम होने की वजह से दाम बढ़ने का अनुमान है. हालांकि 2021-22 की तरह दाम 14 हजार रुपये क्विंटल तक जाने का अनुमान नहीं है. फिर भी दाम बढ़ने की वजह से किसानों ने राहत की सांस ली है. ज्यादातर मंडियों में रेट एमएसपी से ज्यादा हो चुका है.
इस साल कई राज्यों में गुलाबी सुंडी की वजह से कॉटन की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. कई राज्यों में मौसम इसके अनुकूल नहीं रहा है. इसलिए उत्पादन पर बुरा असर पड़ा है. केंद्र सरकार के अनुसार वर्ष 2023-24 में कॉटन का उत्पादन 323.11 लाख गांठ है जो पिछले साल से कम है. वर्ष 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक कॉटन का उत्पादन 343.47 लाख गांठ था. एक गांठ 170 किलोग्राम की होती है. कपास के उत्पादन में कमी का अनुमान आने के बाद दाम बढ़ना शुरू हुआ है.
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अकोला मंडी में 88 क्विंटल कॉटन की आवक हुई. कम आवक की वजह से यहां दूसरी मंडियों के मुकाबले सही दाम मिला. अकोला में न्यूनतम दाम 8000, अधिकतम 8189 और औसत दाम 8094रुपये क्विंटल रहा. मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए मध्यम रेशे वाले कपास का एमएसपी 6620 रुपये प्रति क्विंटल जबकि लंबे रेशेवाली किस्म का दाम 7020 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. इस हिसाब से अकोला में भी दाम ठीक रहा. इसके अलावा चिमुर मंडी मंडी में भी अच्छा दाम मिल रहा है यहां न्यूनतम दाम 7600, अधिकतम 7751 और औसत दाम 7651 रुपये क्विंटल रहा.