रबी मार्केटिंग सीजन में सरसों खरीद इस बार समय से पहले की जाएगी. मार्च में ही सरसों खरीद की तैयारी उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों ने कर ली है. इसके साथ ही केंद्र सरकार सरसों उगाने वाले किसानों को सही कीमत देने के लिए एमएसपी दर में 200 रुपये की बढ़ोत्तरी की है, जिसके बाद सहकारी समितियां 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कीमत पर खरीद करेंगी. सरसों खरीद के लिए एफसीआई के अलावा 2 एजेंसियों को भी नामित किया है. वहीं, इस बार रिकॉर्ड उत्पादन के साथ ही खरीद मात्रा भी सरकार बढ़ाने वाली है. इससे किसानों को अपनी उपज की बिक्री और सही दाम मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
केंद्र सरकार किसानों के सशक्तिकरण के लिए सरसों की खरीद मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP पर करेगी. कहा गया है कि केंद्र सरकार रबी मार्केटिंग सीजन (RMS) के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसिंयों को पीएसएस (PSS) के तहत सरसों की खरीद के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को सरसों की फसल बेचने में कोई परेशानी ना हो. इस बार हरियाणा और उत्तर प्रदेश में समय से पहले खरीद होगी. आमतौर पर 1 अप्रैल से सरकारी खरीद शुरू होती थी, जो इस बार मार्च से ही शुरू हो जाएगी.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में सरसों की सरकारी खरीद कीमत पिछली बार की तुलना में 200 रुपये बढ़ाई गई है, जिसके बाद एमएसपी दर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है. 2022-23 सीजन में सरसों का एमएसपी रेट 5,450 रुपये प्रति क्विंटल थी. जबकि, उससे पहले 2021-22 रबी मार्केटिंग सीजन में सरसों का एमएसपी रेट 5,050 रुपये प्रति क्विंटल था.
एमएसपी रेट पर खरीद की घोषिणा होने से किसानों को फसल बिक्री में परेशानी नहीं होगी. एमएसपी रेट पर सरसों की खरीद पर होने वाला 25 फीसदी खर्च केंद्र सरकार करेगी. जबकि, एमएसपी रेट पर खरीद के लिए राज्य सरकार भी 25 फीसदी खर्च करेगी. मंत्रालय के अनुसार एमएसपी रेट पर सरकार सरसों की खरीद केंद्रीय सहकारी एजेंसियों के जरिए कराएगी. सरसों खरीद करने वाली एजेंसियों में नेफेड, एनसीसीएफ और एफसीआई शामिल हैं.
इस बार सरसों की बुवाई का रकबा बढ़ा है, इसीलिए रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया गया है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार 2023-24 रबी सीजन में 100.15 लाख हेक्टेयर एरिया में सरसों की बुवाई की गई है. जबकि, इससे पहले 2022-23 में सरसों बुवाई का रकबा 97.88 लाख हेक्टेयर था. ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि रबी फसल का उत्पादन 130 लाख टन होने का अनुमान है.