हरियाणा में धान की सरकारी खरीद जारी है. यहां अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर करीब 42 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो वुकी है. इस साल सरकार ने 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का टारगेट सेट किया है. यानी अब तक सरकार टारगेट का अधिकांश हिस्सा खरीद चुकी है. अन्य सूबों के मुकाबले यहां पर खरीद तेजी से चल रही है. अभी 15 नवंबर तक किसानों से सरकार धान खरीदेगी. इसके साथ ही प्रदेश में बाजरे की खरीद भी सुगम तरीके से चल रही है. राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि 23 अक्टूबर तक 3,65,742 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की गई है.
सीएम मनोहर लाल ने इस साल तय समय से पहले ही 25 सितंबर से खरीफ फसलों की खरीद शुरू करवा दी थी. आमतौर पर एक अक्टूबर से खरीद शुरू की जाती है. सीएम ने फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने और बिक्री के सिर्फ 72 घंटों के भीतर भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. मंडियों में इन निर्देशों का पालन करवाया जा रहा है इसलिए खरीद बहुत तेजी से हुई है. इस गति से खरीद प्रक्रिया जारी रही तो इस महीने के अंत तक भी सरकार अपना लक्ष्य पूरा कर सकती है.
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खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक हैफेड व अन्य एजेंसियों ने 2,28,754 किसानों से 41,73,663.43 मीट्रिक टन धान की खरीद की है. कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा 8,56,108.70 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है. इसके साथ ही प्रदेश में 23 अक्टूबर तक 1,23,441 किसानों से 3,65,742.35 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद की गई है. रेवाड़ी में सबसे ज्यादा 83,190.67 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया है. इस साल सामान्य धान की एमएसपी 2183 जबकि ग्रेड ए की एमएसपी 2203 रुपये तय है.
राज्य सरकार का दावा है कि हरियाणा ने अन्य राज्यों से पहले खरीफ फसलों की खरीद शुरू कर किसानों को बड़ी राहत दी है. क्योंकि यहां अक्टूबर से पहले ही धान और बाजरा की आवक शुरू हो गई थी. किसान धान और बाजरे की खरीद 15 सितंबर से ही करने की मांग कर रहे थे. लेकिन सरकार ने 25 सितंबर से खरीद शुरू की.
सरकार द्वारा मंडियों में किसानों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. मंडियों में स्वच्छ पेयजल और किसानों के विश्राम के लिए व्यवस्था की गई है, ताकि अपना अनाज लेकर बेचने आने वाले किसानों को तकलीफ न हो. इसके अलावा किसानों को फसल की खरीद के 72 घंटे के भीतर ही भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है.
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