Onion Farming: अलवर में इस साल प्याज की बुवाई होगी अधिक, दो साल से किसानों को हो रहा था नुकसान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

Onion Farming: अलवर में इस साल प्याज की बुवाई होगी अधिक, दो साल से किसानों को हो रहा था नुकसान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

Onion Farming: अलवर में प्याज की बुवाई शुरू हो गई है. वहीं देश के अलावा पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, कजाकिस्तान, नेपाल व भूटान में भी अलवर की प्याज के लोग दीवाने हैं. नवंबर-दिसंबर महीने में प्याज की आवक शुरू होती है और उसके बाद मई-जून माह तक अलवर की प्याज की सप्लाई होती है.

अलवर में प्याज की फसल की बुवाई हुई शुरू, सांकेतिक तस्वीर अलवर में प्याज की फसल की बुवाई हुई शुरू, सांकेतिक तस्वीर
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  • Alwar,
  • Aug 17, 2023,
  • Updated Aug 17, 2023, 9:10 AM IST

देश में नासिक के बाद अलवर प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है. अलवर की प्याज देश के अलावा आसपास के अन्य देशों में भी सप्लाई होती है. दो साल से प्याज की फसल में किसान को खासा नुकसान हो रहा था. लेकिन इस बार किसान को प्याज की फसल से मुनाफा होने की उम्मीद है. इसलिए किसान बढ़-चढ़कर प्याज की फसल की बुवाई कर रहे हैं. बीते साल की तुलना में ज्यादा रकबे में प्याज की फसल की बुवाई होगी. तो इस बार किसानों ने प्याज का बीज भी बीते साल की तुलना में ज्यादा तैयार किया है. 

मालूम हो कि अलवर की प्याज लाल प्याज के नाम से विशेष पहचान रखती है. यह प्याज स्वाद में तीखी होती है. इसलिए नॉनवेज खाने वाले लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं. अलवर से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित देशभर में प्याज सप्लाई होती है. 

कई देशों में है अलवर के प्याज की मांग

देश के अलावा पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, कजाकिस्तान, नेपाल व भूटान में भी अलवर की प्याज के लोग दीवाने हैं. नवंबर-दिसंबर महीने में प्याज की आवक शुरू होती है और उसके बाद मई-जून माह तक अलवर की प्याज की सप्लाई होती है. बीच दो साल से प्याज की फसल में जलेबी रोग लग रहा था. इसलिए फसल खराब हो रही थी. लेकिन इस बार किसान को प्याज की फसल से बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है. 

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वहीं, मंडी में टमाटर, अदरक, धनिया सहित सभी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, तो महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में ज्यादा बारिश होने के कारण वहां प्याज की फसल खराब हो गई. इसलिए देशभर के व्यापारी अलवर की फसल का इंतजार कर रहे हैं.

इस बार 25000 हेक्टेयर में होगी फसल की बुवाई

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीते साल 24000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में प्याज की फसल की बुवाई हुई थी. लेकिन 2 साल से प्याज की फसल में जलेबी रोग लग रहा था. इस बार महाराष्ट्र आंध्रप्रदेश में ज्यादा बारिश होने के कारण प्याज की फसल खराब हुई है. इसलिए अलवर के किसान ज्यादा से ज्यादा प्याज की फसल की बुवाई कर रहे हैं. यहां लगभग 25000 हेक्टेयर में खेती की उम्मीद है. मालूम हो कि अलवर में प्याज का बीज भी किसान खुद तैयार करते हैं.

प्याज ने बनाया था किसानों को करोड़पति

दो साल पहले प्याज के दाम 100 किलो तक पहुंच गए थे. ऐसे में अलवर के किसान करोड़पति बन गए थे. फसल बेचकर किसी ने नई गाड़ी ली तो कोई किसान ने नया घर व ट्रैक्टर खरीद कर लाया. हालांकि दो साल से प्याज में जलेबी रोग लग रहा है. इसलिए प्याज की फसल खराब हो रही है.

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लाल प्याज के नाम से है खास पहचान

अलवर की प्याज की पहचान लाल प्याज के नाम से है. देश के अलावा पड़ोसी देशों में भी अलवर की प्याज सप्लाई होती है. अलवर की प्याज में नमी होती है. इसलिए इस प्याज को ज्यादा दिनों तक स्टोर करके नहीं रख सकते हैं. यह प्याज खाने में तीखी होती है. इसलिए नॉनवेज खाने वाले लोग इसे खास पसंद करते हैं. (अलवर से हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट)

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