रबी फसल सीजन 2022-23 में 20 जनवरी तक 696.35 लाख हेक्टेयर रकबे में फसलों की बुवाई हो चुकी है. यह पिछले साल के मुकाबले 19.39 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. पिछले साल इस अवधि तक 676.97 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हुई थी. तिलहन फसलों, मोटे अनाजों, धान, गेहूं और दालों का एरिया पहले से अधिक रिकॉर्ड किया गया है. देश में तिलहन फसलों की बुवाई नया रिकॉर्ड बना रही है. इस साल 20 जनवरी तक 108.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन फसलों की बुवाई हुई है. जबकि, फसल वर्ष 2021-22 में इसका एरिया सिर्फ 100.40 लाख हेक्टेयर था.
इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 7.71 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है. राजस्थान में सबसे ज्यादा 4.43 लाख हेक्टेयर एरिया बढ़ा है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, असम, नागालैंड, आंध्र प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में एरिया बढ़ गया है. जबकि उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक और उत्तराखंड में एरिया कम हो गया है. इस साल सरसों की बुवाई 97.10 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो 2021-22 के मुकाबले 6.92 लाख हेक्टेयर ज्यादा है.
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एमएसपी से अधिक दाम की वजह से गेहूं की बुवाई में काफी उछाल आने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं दिखाई दे रहा है. पिछले साल से सिर्फ 1.26 लाख हेक्टेयर एरिया बढ़ा है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और असम में गेहूं का रकबा बढ़ गया है. जबकि मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और कर्नाटक में एरिया घटा है. मध्य प्रदेश प्रमुख गेहूं उत्पादों में शामिल है, लेकिन यहां बुवाई 4.15 लाख हेक्टेयर कम है.
ग्रीष्मकालीन धान की रकबा काफी बढ़ गया है. पिछले वर्ष 20 जनवरी तक 23.64 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार लगभग 31.54 लाख हेक्टेयर रकबा दर्ज किया गया है. इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 7.91 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र को कवर किया गया है. तेलंगाना में सबसे अधिक 7.78 लाख हेक्टेयर एरिया बढ़ा है. इसके अलावा असम, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और बिहार में धान का एरिया बढ़ा है.
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पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 49.36 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार यानी 2022-23 में मोटे अनाजों का एरिया 51.46 लाख हेक्टेयर हो गया है. इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में 2.10 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र को कवर किया गया है. इस साल को अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है. राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात,ओडिशा, हरियाणा, असम, अरुणाचल प्रदेश और पंजाब के किसानों ने मोटे अनाजों की बुवाई पहले से अधिक की है. दूसरी ओर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से मोटे अनाजों के कम क्षेत्र की सूचना मिली है.