अब पंजाब में भी होगी अदरक की खेती, किसानों को मिलेगा तगड़ा मुनाफा!

अब पंजाब में भी होगी अदरक की खेती, किसानों को मिलेगा तगड़ा मुनाफा!

PAU ने कंडी क्षेत्र के किसानों के लिए 7 साल की रिसर्च के बाद खास अदरक खेती मॉडल तैयार किया है. अब किसान उठा सकते हैं तगड़ा मुनाफा और बन सकते हैं आत्मनिर्भर.

अदरक की खेतीअदरक की खेती
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 19, 2025,
  • Updated Oct 19, 2025, 4:51 PM IST

अदरक न केवल भारतीय रसोई में स्वाद बढ़ाने का काम करता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी इसे हर घर की ज़रूरत बनाते हैं. पंजाब में हर परिवार औसतन हर महीने 1 किलो अदरक का इस्तेमाल करता है. लेकिन अब तक यह ज़रूरत बाहर के राज्यों से पूरी की जाती रही है.

PAU का नया पहल-अब अदरक पंजाब में ही

लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU) ने 7 साल की मेहनत के बाद कंडी क्षेत्र के लिए खास अदरक की खेती का मॉडल तैयार किया है. यह मॉडल PAU के बलोवाल सौंखरी स्थित रीजनल रिसर्च स्टेशन पर तैयार किया गया है.

क्यों खास है ये मॉडल?

PAU के वाइस-चांसलर सतबीर सिंह गोसल के अनुसार, यह मॉडल कंडी क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इससे न केवल पंजाब की घरेलू अदरक की मांग पूरी होगी, बल्कि किसान इससे अच्छा मुनाफा भी कमा सकेंगे. यह मॉडल ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए रास्ते भी खोलेगा.

खेती की तकनीक और लागत

  • बुवाई का तरीका: उठी हुई क्यारियों (Raised Beds), आंशिक छाया और मल्चिंग (Mulching) का प्रयोग.
  • मिट्टी की अनुकूलता: कंडी क्षेत्र की ढीली और जैविक पदार्थों से भरपूर मिट्टी अदरक के लिए उपयुक्त है.
  • वन्य जीवों से सुरक्षा: यह फसल जंगली जानवरों से भी कम प्रभावित होती है.

लागत और मुनाफा

  • प्रति एकड़ खर्च: ₹1.97 लाख
  • उत्पादन: 70 क्विंटल प्रति एकड़ (नवंबर–दिसंबर में तैयार)
  • कुल आमदनी: ₹4.55 लाख प्रति एकड़
  • शुद्ध मुनाफा: ₹2.58 लाख प्रति एकड़
  • लाभ-खर्च अनुपात (Benefit-Cost Ratio): 2.3- जो परंपरागत फसलों से कहीं बेहतर है.

प्रोसेसिंग और कीमत

अदरक को पाउडर, तेल, कैंडी और अचार के रूप में प्रोसेस किया जा सकता है. इससे फसल की बर्बादी कम होती है और किसानों को अतिरिक्त आमदनी के अवसर मिलते हैं.

बीज भंडारण और एग्रो-फॉरेस्ट्री का समर्थन

PAU के मॉडल में बीज भंडारण की सुविधा भी शामिल है, जिससे किसान अगले सीजन के लिए बीज बचा सकते हैं. इसके अलावा यह मॉडल एग्रो-फॉरेस्ट्री (कृषि वानिकी) के साथ भी जोड़ा जा सकता है, जिससे ज़मीन का बेहतर उपयोग हो सके.

PAU का यह नया अदरक खेती मॉडल पंजाब के कंडी क्षेत्र के किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है. इससे राज्य में अदरक की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, किसानों की आमदनी में इज़ाफा होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा.

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