मुक्तसर जिले में गेहूं की खरीद प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है, लेकिन अब भी लगभग 25% खरीदा गया गेहूं मंडियों में पड़ा है. इससे किसानों और आढ़तियों (कमीशन एजेंट्स) की चिंता बढ़ गई है. मौसम लगातार बदल रहा है. कभी धूल भरी आंधी, तो कभी बारिश, ऐसे में गेहूं का मंडी में पड़ा रहना नुकसानदायक साबित हो सकता है. मुक्तसर जिले में गेहूं के उठान में देरी और बदलता मौसम किसानों के लिए नई परेशानी खड़ी कर रहा है. प्रशासन और संबंधित एजेंसियों को तुरंत और त्वरित कदम उठाने होंगे ताकि मंडियों में पड़ा गेहूं सुरक्षित गोदामों तक पहुंच सके और किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम मिल सके.
जिला प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सोमवार शाम तक मुक्तसर की मंडियों में कुल 8,94,849 मीट्रिक टन (MT) गेहूं की आवक हुई. इनमें से 8,91,772 MT गेहूं सरकारी एजेंसियों और निजी फर्मों द्वारा खरीदा जा चुका है. लेकिन अब तक केवल 6,71,620 MT गेहूं ही उठाया गया है. इसका मतलब है कि अभी भी 2,20,152 MT गेहूं मंडियों में पड़ा हुआ है, जिसे उठाया जाना बाकी है.
सोमवार को केवल 5,469 MT गेहूं की आवक हुई, जो यह दर्शाता है कि अब किसान मंडियों में गेहूं लाना बंद कर चुके हैं या बहुत कम मात्रा में ला रहे हैं. लेकिन पुराने स्टॉक की उठान में देरी चिंता का विषय बनी हुई है.
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हाल ही में आई धूल भरी आंधियों और बारिश ने गेहूं के स्टॉक को नुकसान पहुंचाया है. कई जगहों पर खुले में रखा गया गेहूं भीग चुका है. यदि समय रहते शेष गेहूं नहीं उठाया गया, तो इससे बड़ा नुकसान हो सकता है.
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एक आढ़ती ने बताया, "अभी गेहूं उठान की गति सामान्य है, लेकिन मौसम को देखते हुए शेष गेहूं को जल्द से जल्द मंडी से हटाना जरूरी है. किसानों की मेहनत बर्बाद नहीं होनी चाहिए."
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम लगातार एजेंसियों और ट्रांसपोर्टर्स के साथ तालमेल बनाकर गेहूं की उठान में तेजी ला रहे हैं. चूंकि अब गेहूं की नई आवक कम हो गई है, इसलिए पिछला स्टॉक जल्दी उठाया जा सकेगा.”