Kharif crop: कैसे सफल होगा सरकार का दलहन और तिलहन मिशन, तमाम कोशिशों के बाद रकबे में गिरावट

Kharif crop: कैसे सफल होगा सरकार का दलहन और तिलहन मिशन, तमाम कोशिशों के बाद रकबे में गिरावट

सरकार धान का रकबा घटाने और दलहन, तिलहन का बढ़ाने की कोशिश कर रही है. लेकिन यह कोशिश रंग लाती नहीं दिख रही है. धान का रबका कम होने का नाम नहीं ले रहा है और दूसरी ओर दलहन और तिलहन की खेती घटती जा रही है.

जायद फसलों का बढ़ा रकबाजायद फसलों का बढ़ा रकबा
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 18, 2025,
  • Updated Aug 18, 2025, 7:42 PM IST

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसलों की बुवाई का ताजा रकबा सोमवार को जारी किया. इसमें 15 अगस्त तक की बुवाई की जानकारी दी गई है. इसमें कृषि मंत्रालय ने बताया है कि इस साल 398.59 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हो चुकी है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 362.92 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई थी. इस तरह धान की खेती में अभी तक 35.67 लाख हेक्टेयर से अधिक का इजाफा है. दलहन की बात करें तो अभी तक 109.52 लाख हेक्टेयर तक दालों की बुवाई की गई है जबकि पिछले साल यह बुवाई 108.39 लाख हेक्टेयर थी. इस तरह दलहन में 1.14 लाख हेक्टेयर की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है.

अलग-अलग दलहन की बात करें तो तुअर की बुवाई 42.20 लाख हेक्टेयर, कुल्थी 0.20 लाख हेक्टेयर, उड़द 20.82, मूंग 33.70 और अन्य दालों का रकबा 3.46 लाख हेक्टेयर है. तुअर की खेती में पिछले साल के मुकाबले मामूली गिरावट है और आंकड़ा -1.34 लाख हेक्टेयर का है. सभी दालों में तुअर ही है जिसकी बुवाई में गिरावट दर्ज की गई है. 

मॉनसून से धान को फायदा

धान की रोपाई में अभी तक अच्छे मॉनसून का फायदा मिल रहा है. बारिश अधिक होने से धान के रकबे में तेजी दर्ज की गई है. इससे पता चलता है कि किसानों को धान की खेती फायेदमंद लग रही है जबकि सरकार इसकी खेती को कम करने की अपील कर रही है. सरकार ने कहा था कि इस साल धान का रकबा घटाने और दलहन की बुवाई बढ़ाने की कोशिश रहेगी. मगर अभी तक के रकबे से पता चलता है कि सरकार की कोशिश धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है क्योंकि इसके रबके में बड़ी वृद्धि है जबकि दलहन में न के बराबर तेजी देखी जा रही है. चिंता की बात ये है कि तुअर की बुवाई -1.34 लाख हेक्टेयर में चली गई है.

मक्के में अच्छी खासी तेजी

श्रीअन्न यानी मोटे अनाजों की बात करें तो ज्वार, बाजरा और रागी के लिए अच्छी खबर नहीं है. इन तीनों मोटे अनाजों की बुवाई में कमी है. पिछले हफ्ते रागी की बुवाई अच्छी चल रही थी, मगर इस हफ्ते वह भी माइनस में चली गई है. मक्का में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है. मक्का में लगभग 10 लाख हेक्टेयर की तेजी है. छोटे मिलेट की बुवाई में गिरावट आई है. 

चिंता की बात ये है कि कुल तिलहन की बुवाई में भी गिरावट आई है. यह गिरावट लगभग 7 लाख हेक्टेयर के आसपास है. इसमें सभी तिलहन की बुवाई में गिरावट देखी जा रही है. इससे भी सरकार को झटका लगेगा क्योंकि देश को खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तिलहन मिशन शुरू किया गया है. एक अरंडी को छोड़ दें तो सभी तिलहन के रबके में गिरावट है. 

कपास की बुवाई घटी, गन्ना बढ़ा

गन्ने की बुवाई में 1.64 लाख हेक्टेयर की वृद्धि है और अभी तक इसका रकबा 57.31 लाख हेक्टेयर है. जूट की खेती में 0.19 लाख हेक्टेयर की गिरावट है. इसी के साथ कपास की खेती में भी 3.24 लाख हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई है. अब तक कुल खरीफ रकबे की बात करें तो यह आंकड़ा 1039.81 लाख हेक्टेयर है और पिछले साल से इसमें 37.39 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है.

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