मणिपुर का ब्लैक राइस (Manipuri Black Rice) अपनी खास गुणवत्ता की वजह से अब उत्तर भारत में भी लोगों की थाली में जगह बना रहा है. साथ ही विदेशों में भी यह खासी लोकप्रियता हासिल कर रहा है. मणिपुर में इसकी खेती करने वाले किसानों का एक एफपीओ यानी यानी किसान उत्पादक कंपनी है. जिसमें करीब एक हजार किसान जुड़े हुए हैं. जिसका नाम चाक-हाओ पोयरिशन ऑर्गेनिक प्रोड्यूशर कंपनी है. दरअसल, मणिपुरी ब्लैक राइस को स्थानीय भाषा में चाक-हाओ (Chak-Hao) कहते हैं. इस एफपीओ को पिछले सप्ताह प्रगति मैदान में लगे वर्ल्ड फूड एक्सपो में 58 टन चावल का ऑर्डर मिला है. जिसमें घरेलू और दूसरे देशों का भी ऑर्डर शामिल है.
इस एफपीओ के ऑपरेशन हेड मारचंग शिने ने कहा कि 15 टन मणिपुरी ब्लैक राइस अमेरिका और 20 टन इंग्लैंड भेजने के लिए ऑर्डर मिला है. भारत में ऑर्गेनिक कृषि उत्पाद बेचने वाली एक कंपनी के साथ हर महीने 5 टन राइस देने का एग्रीमेंट हुआ है. इसी तरह अन्य छोटे ऑर्डर भी हैं. कुल मिलाकर इस एक्सपो हमारे लिए बहुत अच्छा रहा. अभी सरकार ऑर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा देने की बात कर रही है. इसके लिए सहकारिता मंत्रालय ने एक कंपनी बनाई है. अब इससे काफी फायदा होने की उम्मीद है.
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नार्थ-ईस्ट के प्रोडक्ट अच्छे हैं, ऑर्गेनिक हैं. बस उनके बारे में यहां पर बताने की जरूरत है. मणिपुर और मेघालय में एक से बढ़कर एक कृषि उत्पाद होते हैं, जिन्हें देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंचाने की जरूरत है. मारचंग शिने का कहना है कह इस चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स सिर्फ 43 है, जो भारत में सबसे कम है. इससे कम शायद ही किसी चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता होगा. इसकी वजह से इसे शुगर के रोगी भी खा सकते हैं. सामान्य चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 70 से 85 होता है. इसकी खासियत की वजह से ही इसे जीआई टैग मिला हुआ है. यह एफपीओ इस चावल को दिल्ली और दूसरे शहरों में 200 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बेच रहा है.
यह चावल ऑर्गेनिक के साथ-साथ सुगंधित भी है. इस एफपीओ से जुड़े लोगों ने दावा किया कि चाक-हाओ में पोषक तत्वों की मात्रा अन्य चावलों से ज्यादा है. इसकी मेडिशनल वैल्यू अच्छी है. मणिपुरी ब्लैक राइस में एंथोसायनिन नामक एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद है जो कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में मददगार माना जाता है.
इसमें एंथोसायनिन 69.2 से 74 एमजी तक है. इसी तरह कैल्शियम 24.6 एमजी, मैग्नीशियम 58.46 एमजी और जिंक 2.36 एमजी है. इसमें प्रोटीन 12.15 और कार्बोहाइड्रेट-72.43 प्रतिशत है. यह किसानों की कमाई के लिए भी अच्छा चावल है. इसके धान से अगर 65 प्रतिशत चावल की रिकवरी मान लें तो प्रति हेक्टेयर 1800 किलो चावल निकल जाता है.
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