ओडिशा के कोरापुट में आम के किसान इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रहे हैं. यहां बारिश की कमी के कारण आम में फूल आने में बाधा आ रही है. बताया जा रहा है कि पिछले साल की ही तरह इस बार भी इसकी उपज में गिरावट हो सकती है. अगर उपज में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट होती है तो इसकी वजह फूल आने और फल लगने के दौरान खराब मौसम की स्थिति को माना जाता है. माना जा रहा है कि इस बार राज्य में फूल उगाने के लिए जरूरी बारिश नहीं हुई है. ऐसे में यहां के किसान काफी दुखी हैं.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि राज्य के कुंद्रा, बोरीगुम्मा, नदनापुर, पोट्टांगी, दमनपुर, सेमिलिगुडा, लक्ष्मीपुर, बोइपारीगुडा और जयपुर में इस आम की खेती होती है. आम के उत्पादकों ने मई और जुलाई के बीच हर साल होने वाले उत्पादन को ध्यान में रखते हुए सरकारी योजनाओं के तहत अपने खेती के क्षेत्र में लगभग 5,000 एकड़ का इजाफा किया है. फरवरी से मार्च के दूसरे हफ्ते के दौरान पर्याप्त बारिश आम के फूलों के बनने और फिर उनके विकास के लिए बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.
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अधिकांश आम के पेड़ फूल के लिए बारिश के पानी पर निर्भर करते हैं. चूंकि आम की अधिकांश खेती पहाड़ी और ऊंचे इलाकों में की जाती है, इसलिए पेड़ों को हाथ से पानी देना संभव नहीं है. इस साल बारिश की कमी ने खेती को प्रभावित किया है जिससे 80 फीसदी आम के फूल खराब हो गए हैं. डांगरपौंसी गांव में आम की खेती करने वाले एक किसान ने कहा कि आम के फूल उगाने के लिए बारिश का पानी बहुत जरूरी है क्योंकि हम आम के पेड़ों के पूरे हिस्से पर नियमित रूप से पानी नहीं छिड़क सकते. इस इस साल आम के फूल उगाने के लिए हमारे पास इतनी बारिश नहीं है.
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यहां के जयपुर बागवानी विभाग के वरिष्ठ बागवानी विशेषज्ञ संजीव कुमार मोहंता के हवाले से अखबार ने लिखा है कि इस साल बारिश की कमी ने आम के फल को प्रभावित किया है. मोहंता के अनुसार वास्तव में समय पर बारिश न होने और उसके बाद अचानक गर्मी की लहर के कारण आम के फूल आने की स्थिति पर असर पड़ा है. इस वजह से फूल बनने की अवस्था प्रभावित हुई है और ज्यादातर फूल फल बनने से पहले ही नष्ट हो गए हैं.
अप्रैल 2024 में भी कोरापुट में आम की खेती करने वाले किसानों को इसी समस्या का सामना करना पड़ा था. उस समय भी यहां पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था जोकि असामान्य तौर पर गर्म था. इस तापमान ने आम की खेती को खासतौर पर प्रभावित किया था. पिछले साल भी आम की उपज में कमी देखी गई थी और माना जा रहा है कि इस बार भी स्थिति लगभग वैसी ही रहने वाली है. कोरापुट में जनजातीय समुदाय की एक बड़ी आबादी आम की खेती करती है जोकि उनकी आजीविका का बड़ा जरिया है.