UP Farmer Story: यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के गोमतीनगर निवासी किसान विनोद कुमार पांडेय ने एक बार फिर कमाल कर दिया है. पिछले 30 साल से बाजार से सब्जियां ना खरीदकर सभी को हैरान करने वाले इस किसान ने इस बार सर्दी के मौसम में अपनी छत पर थाई आम (Thai Mango) उगा दिया है. जिसे देखकर हर कोई चौंक गया है. किसान तक से बातचीत में विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि इस साल जाड़े में थाई आम उगाने का फैसला लिया है. इसी के तहत अपने घर की बालकनी, छत और गार्डन में आम उगाने की पूरी प्रक्रिया की और अब सर्दी के मौसम में उस पर बौर आ गए हैं, जो एक से दो महीने के अंदर पक कर खाने लायक स्वादिष्ट आम हो जाएंगे.
उन्होंने बताया कि थाई आम के एक पौधे की कीमत 500- 2000 रुपये के बीच हैं. फिलहाल हमने 25 पौधे अपनी छत पर लगाया है. सभी पौधों में बौर आ गए हैं. थाई आम का स्वाद बिल्कुल 'दशहरी आम' की तरह ही होता हैं. पांडेय ने आगे बताया कि जब इसमें फल निकल जाएंगे, तो कुछ पौधों की संख्या को बढ़ाया जाएगा. अभी एक प्रयोग के तौर पर थाई आम को लगाया गया है. विनोद कुमार पांडेय बताते हैं कि इसके अलावा मैने पहाड़ी चेरी भी उगाई है, जो लाल रंग की खूबसूरत और खाने में बेहद लजीज होती है. यह भी इनके पास इन दिनों भरपूर मात्रा में है. किसान विनोद कुमार पांडेय कहते हैं कि चेरी के पौधे भी दिसंबर से मार्च के बीच लगाए जाते हैं. बागवानों को सिर्फ इस बात का ध्यान रखना होता है कि जब बगीचों में नमी अच्छी है तो चेरी के पौधे लगाएं. वहीं पौधों पर सूखे की मार न पड़े.
लखनऊ के गोमती नगर के विनय खंड में पंचवटी पार्क के पास रहने वाले विनोद कुमार पांडेय एक निजी कंपनी में काम करते हैं. लेकिन उन्हें पिछले 30 सालों से सब्जियां नहीं खरीदा, क्योंकि हर मौसमी सब्जियां वो अपने घर के छत पर उगाते आ रहे है. इसके लिए कई बार इन्हें सम्मानित भी किया गया है. विनोद का कहना है की अगर लोगों को सब्जियां उगाने के बारे में ट्रेनिंग चाहिए तो वह उन्हें दे सकते हैं.
दरअसल, बहुत सारे लोगों का फेवरेट फल आम है. अपने देश में करीब 1500 तरह की प्रजातियों के आम उगाए जाते हैं. यहां से दुनियाभर के कई देशों को आम भेजे जाते हैं. आम के सीजन में जब हम बाजार में जाते हैं तो कई वैरायटी के आम दुकानों पर बिक रहे होते हैं, जिनमें से 'लंगड़ा आम' और 'दहशरी आम' की वैरायटी काफी ज्यादा फेमस है. देशभर में इस किस्म के आम की काफी ज्यादा डिमांड है.