भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को सुविधा पहुंचाने के लिए लगातार कार्य कर रहा है और जरूरत के हिसाब से सुधार भी कर रहा है. इसे लेकर रेल मंत्री ने कहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस त्योहारी सीज़न में विशेष ट्रेन यात्राओं में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस त्योहारी सीजन में विशेष ट्रेन यात्राओं की संख्या में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है. साथ ही कहा है कि गैर एसी कोच चुनने वाले यात्रियोंके बर्थ की कमी खबरें गलत है. उन्होंने कहा कि रेलवे इस त्योहारी सीजन में यात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच 6,754 अतिरिक्त ट्रेन यात्राएं संचालित कर रहा है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 2,614 थी.
मंत्री ने कहा, अब तक 2,423 यात्राएं पूरी हो चुकी हैं और शेष यात्राएं आने वाले दिनों में की जाएंगी. पत्रकारो से बातचीत करते हुए रेलमंत्री ने कहा कि हर साल हम दिवाली और छठ के लिए यात्रियों के लिए व्यवस्था करने के लिए बहुत गंभीर योजना बनाते हैं. हम त्योहारी सीज़न की शुरुआत से तीन महीने पहले आरक्षण और प्रतीक्षा सूची के रुझान की निगरानी करते हैं और अतिरिक्त ट्रेन यात्राओं की व्यवस्था करने पर निर्णय लेते हैं. साथ ही कहा कि रेलवे योजना प्रक्रिया में पिछले साल के यात्री आंकड़ों को भी ध्यान में रखता है. उन्होंने कहा, इन सभी कारकों से पता चलता है कि इस त्योहारी सीजन में रेलवे को भारी भीड़ की उम्मीद होगी और उसके अनुसार ही योजनाएं बनाई गईं हैं.
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वैष्णव के मुताबिक, त्योहारी सीजन की शुरुआत से अब तक 36 लाख लोग यात्रा कर चुके हैं और यह संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी है. रेलवे सूत्रों ने बताया कि बेहतर आर्थिक स्थिति के कारण पिछले साल की तुलना में इस त्योहारी सीजन में अधिक लोग यात्रा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे ने न केवल अतिरिक्त ट्रेन यात्राएं चलाने के लिए बल्कि नई दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए असाधारण प्रयास किए हैं. वैष्णव ने कई खबरों को खारिज कर दिया कि ट्रेनों में स्लीपर कोचों की संख्या कम की जा रही है, जिससे गैर-एसी बर्थ चुनने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है.
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उन्होंने कहा कि जब से नए एलएचबी कोच पेश किए गए हैं तब से ट्रेन में कोचों की एक मानक संरचना है. मानक अभ्यास के अनुसार, एक ट्रेन में आमतौर पर छह से सात स्लीपर कोच, चार सामान्य, एक या शून्य एसी प्रथम श्रेणी, एक या शून्य पेंट्री, दो एसी II, छह एसी III कोच, एक पावर कार और एक गार्ड कोच होता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ट्रेन में मानक कोच संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है. नॉन-एसी कोचों की कमी की खबरों को खारिज करते हुए, एक बयान जारी कर कहा कि अप्रैल और अक्टूबर 2023 के बीच कुल 390.2 करोड़ रेल यात्रियों में से 95.3 प्रतिशत ने सामान्य और स्लीपर क्लास में यात्रा की, जबकि सिर्फ 4.7 ने प्रतिशत एसी कोचों में थे. इसमें कहा गया है कि रेलवे ने पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में इस साल अप्रैल और अक्टूबर के बीच सामान्य और स्लीपर श्रेणी के यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है.
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