कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न बागवानी फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है. वर्ष 2022-23 में कुल बागवानी उत्पादन 355.25 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो कि वर्ष 2021-22 (अंतिम) की तुलना में लगभग 8.07 मिलियन टन अधिक है. अगर प्रतिशत में बात करें तो 2.32 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि देश में लगातार बढ़ रहे बागवानी उत्पादन की यह उपलब्धि हमारे किसान भाइयों-बहनों व वैज्ञानिकों की मेहनत तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की कृषि और किसान हितैषी अच्छी नीतियों का परिणाम है.
राज्यों और अन्य सरकारी एजेंसियों से प्राप्त सूचना के आधार पर संकलित वर्ष 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, मसालों, फूलों व शहद के उत्पादन में वृद्धि अनुमानित है. अनाज वाली फसलों के बाद बागवानी फसलों के उत्पादन में उछाल अपने आप में कृषि क्षेत्र की तरक्की की कहानी बता रहा है. हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे कई राज्य अपने यहां पारंपरिक फसलों की बजाय बागवानी का एरिया बढ़ा रहे हैं, क्योंकि बागवानी में ज्यादा लाभ मिलने की संभावना रहती है. आलू का उत्पादन बढ़ने और टमाटर का घटने का अनुमान है.
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केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार 2021-22 में बागवानी फसलों का एरिया 28.04 मिलियन हेक्टेयर था. जो 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान में 28.34 मिलियन हेक्टेयर हो गया. अभी अंतिम अनुमान आते-आते एरिया के आंकड़े में बदलाव हो सकता है. दूसरी ओर 2021-22 के बागवानी फसलों का 347.18 मिलियन टन उत्पादन हुआ था. जो 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान में 355.25 मिलियन टन होने का अनुमान है. यानी पहले के मुकाबले एरिया और उत्पादन दोनों में उछाल है.
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