हरियाणा के अलग-अलग जिलों में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की तरफ से गेहूं की खरीद जारी है. जोर-शोर से हो रही सरकारी खरीद में अब कई अव्यवस्थाएं भी सामने आ रही हैं. रोहतक में हो रही सरकारी खरीद से किसानों के चेहरे खिल गए हैं तो वहीं आम जनता को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. जिले में गेहूं की बंपर फसल ने खुशी और अव्यवस्था दोनों की स्थितियां पैदा कर दी हैं. राज्य के कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार अब तक 24.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की गई है और उत्पादन करीब 116.24 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है.
रोहतक में स्थानीय अनाज मंडियों में उपज की भारी आवक को संभालने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. पर्याप्त स्टोरेज की कमी की वजह से किसानों को सड़कों और खुले स्थानों पर गेहूं फेंकना पड़ रहा है. इससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और इस स्थिति की कई क्षेत्रों से आलोचना भी हो रही है. अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार यहां के मदीना गांव में, मेन रोड इस समय गेहूं के ढेर के नीचे दब गई है. इसकी वजह से ट्रैफिक ब्लॉक हो रहा है और साथ ही अनाज भी मौसम की मार की वजह से खुले में पड़ा हुआ है.
स्थानीय किसान नरेश ने दुख जताते हुए कहा, 'स्थानीय मंडी में जगह की कमी के कारण हमारे पास अपनी उपज सड़क पर फेंकने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.' किसानों और आढ़तियों (कमीशन एजेंट) का कहना है कि यह कोई नई समस्या नहीं है और हर साल कटाई के मौसम में सामने आती है. इसके बावजूद अभी तक कोई ऐसा हल नहीं निकाला जा सका है जो लंबे समय तक चल सके.
किसानों और आढ़तियों की चिंताओं का जवाब देते हुए मेहम के एसडीएम दलबीर सिंह ने इस पूरी स्थिति के लिए कंबाइन हार्वेस्टर के प्रयोग को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है. उनका कहना है कि मशीन से कटाई की वजह से आवक में अचानक से वृद्धि हुई है और यह स्थिति पैदा हुई है. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि एक अलग स्थान पर एक बड़ी अनाज मंडी या खरीद केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. उनका दावा है कि इससे समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा. साथ ही उन्होंने वर्तमान स्थिति को जल्द ही संभालने का आश्वासन भी दिया है.
स्थिति सिर्फ सड़कों पर ही ऐसी नहीं है बल्कि अब गांव के सरकारी स्कूल के परिसर भी इससे गुजर रहे हैं. स्कूलों में भी अस्थायी तौर पर गेहूं की स्टोरेज की गई है. इस पर स्कूल के अधिकारियों ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी. स्कूल के प्रिंसिपल अनुज कुमार ने बताया कि संबंधित व्यक्तियों को चेतावनी देते हुए एक नोटिस जारी किया गया है कि वे स्कूल परिसर का प्रयोग ऐसी किसी भी गतिविधि के लिए न करें नहीं हो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि नोटिस जारी होने के बाद स्कूल में गेहूं नहीं रखा गया है. साथ ही उससे पहले फेंकी गई गेहूं की उपज का अधिकांश हिस्सा उठा लिया गया है. अनुज कुमार के अनुसार स्कूल परिसर को भी जल्द ही खाली कर दिया जाएगा.
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