हरियाणा में पिछले कुछ दिनों में खेतों में हो रही अचानक आगजनी की घटनाओं से फसलों और पशुओं को हुए नुकसान को लेकर प्रदेश सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए किसानों को मुआवजे देने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए.
नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों के हित में निर्णय ले रही है. हमारी सरकार हर स्थिति में किसानों के साथ खड़ी है. पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में हुई आगजनी की घटनाओं से फसलों या पशुओं संबंधित जान-माल का नुकसान हुआ है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा है. इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे सभी प्रभावित किसानों को जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को भी निर्देश जारी किए हैं कि वे आगजनी से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट लें. प्रभावित किसान संबंधित उपायुक्तों के सामने आवेदन करें, ताकि उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा देने की प्रक्रिया अमल में लाई जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि नुकसान से प्रभावित किसानों को आगामी फसलों की बुवाई के लिए बीज और खाद में भी मदद की जाएगी, ताकि किसानों को आर्थिक रूप से बोझ न झेलना पड़े.
ये भी पढ़ें: इन 11 राज्यों में 81 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद, किसानों के खाते में आए 9,36,356 लाख रुपये
गर्मी बढ़ने से हरियाणा के कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं देखी गई हैं. इससे गेहूं और सरसों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही पशुओं की भी मौत हुई है. किसानों के इस नुकसान की भरपाई के लिए सीएम सैनी ने ऐलान किया है. चंडीगढ़ में हुई बैठक में उन्होंने इसका फैसला किया और उपायुक्तों को जरूरी निर्देश दिए. साथ ही, किसानों को राहत देने और उनके खर्च को कम करने के लिए मुख्यमंत्री ने खाद-बीज देने में मदद देने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री के इस फैसले से प्रदेश के हजारों किसानों को फायदा होगा. किसानों ने मुख्यमंत्री और सरकार से राहत की मांग उठाई थी और तुरंत इस पर निर्णय लेने की मांग की थी. किसान खरीफ सीजन की बुवाई करने वाले हैं. उससे पहले आगजनी की घटना से राहत के लिए मुख्यमंत्री से मांग की गई थी.
ये भी पढ़ें: Paddy Farming: हरियाणा-पंजाब में बंपर पैदावार देंगी धान की ये खास किस्में, 5 पॉइंट्स में पढ़ें खासियत
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today