हापुड़ के युवा किसान ने की बड़ी पहल, गांव में लगाया गोबर और पराली से चलने वाला कोल्ड स्टोरेज, फल-सब्जियां रहेंगी सुरक्षित

हापुड़ के युवा किसान ने की बड़ी पहल, गांव में लगाया गोबर और पराली से चलने वाला कोल्ड स्टोरेज, फल-सब्जियां रहेंगी सुरक्षित

FPO Story of Hapur: हापुड़ जिले के भदस्याना गांव के निवासी युवा किसान हर्षवर्धन त्यागी ने बताया कि नोएडा की एक निजी कंपनी ने इस कोल्ड स्टोरेज को बनाया है. वहीं इसके चेंबर में फलों और सब्जियों को रखने की कैपेसिटी 13 से 15 मीट्रिक टन है. इस यूनिट में फल-सब्जियों को शून्य डिग्री सेल्सियस तापमान तक स्टोर कर सकते हैं.

हापुड़ जिले के भदस्याना गांव के निवासी युवा किसान हर्षवर्धन त्यागी हापुड़ जिले के भदस्याना गांव के निवासी युवा किसान हर्षवर्धन त्यागी
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Sep 09, 2025,
  • Updated Sep 09, 2025, 5:54 PM IST

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के युवा किसान हर्षवर्धन त्यागी ने एक खास तकनीक का इस्तेमाल करके सफलता की नई मिसाल कायम की है. उन्होंने आरंभशील किसान उत्पादक संगठन सहकारी समिति लि हापुड़ नाम के एक (एफपीओ) की मदद से एक अनोखा बायोमास संचालित कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट विकसित की है, जो बिजली के बिना गोबर, लकड़ी, पराली और बायोमास पैलेट से चलती है. आज उनके एफपीओ में 756 किसान जुड़े हुए है. जिनको कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट का लाभ मिल रहा है. 

दो साल पहले लगाया कोल्ड स्टोरेज यूनिट

इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में हर्षवर्धन त्यागी ने बताया कि हापुड़ जिले में अधिकतर किसान फलों और सब्जियों की खेती ज्यादा करते है. यहां पर मौसम के अनुकूल सब्जियों और फलों को सुरक्षित रखने की कोई व्यावस्था नहीं थी. इसी को ध्यान में रखते हुए दो साल पहले किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) की मदद से बायोमास संचालित कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट लगाया है.

यूनिट लगाने में 16 लाख रुपये का खर्चा

उन्होंने बताया कि इस यूनिट को लगाने में 16 लाख रुपये का खर्च आया है. जबकि कमरा और अन्य खर्च में 5 लाख रुपये की लागत आती हैं. वहीं यह कोल्ड स्टोरेज गोबर, लकड़ी, पराली और बायोमास पैलेट से चलता है. जबकि उसे चलाने में बिजली का झंझट भी नहीं रहेगा. वहीं फल-सब्जियों का सही समय पर स्टोरेज और प्रसंस्करण होने से किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है.

इन फलों और सब्जियों की होती है खेती

त्यागी बताते है कि टमाटर, आलू, गोभी और मटर समेत कई मौसमी सब्जियों के साथ आम, केला और लीची की बागवानी हापुड़ और उसके आसपास जिलों में ज्यादा होती है. वहीं किसानों को सामने उसको स्टोर करने की दिक्कत सबसे बड़ी था. अब कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट लग जाने से किसानों को फ्री में फल और सब्जियां सुरक्षित रहती है. इसका बड़ा लाभ यह है कि पराली और अन्य बायोमास, जो पहले प्रदूषण फैलाते थे, अब यहां ईंधन के रूप में काम आ रहे हैं.

किसानों से नहीं लिया जाता कोई किराया

उन्होंने बताया कि कोल्ड स्टोरेज को चलाने में बिजली का खर्चा नहीं आता. क्योंकि इसे गोबर, लकड़ी, पराली और बायोमास पैलेट से चलाया जाता है. जो किसान लड़की, पराली और गोबर लेकर आता है, उससे कोई भी खर्च नहीं लिया जाता. अगर किसी किसान के पास यह सब मौजूद नहीं है तो उससे 500 रुपये प्रति दिन के हिसाब से किराया लिया जाता है.

कोल्ड स्टोरेज की कैपेसिटी 13 से 15 मीट्रिक टन

हापुड़ जिले के भदस्याना गांव के निवासी युवा किसान हर्षवर्धन त्यागी ने बताया कि नोएडा की एक निजी कंपनी ने इस कोल्ड स्टोरेज को बनाया है. वहीं इसके चेंबर में फलों और सब्जियों को रखने की कैपेसिटी 13 से 15 मीट्रिक टन है. इस यूनिट में फल-सब्जियों को शून्य डिग्री सेल्सियस तापमान तक स्टोर कर सकते हैं. जबकि गर्म और ठंडा दोनों तरीके से इस यूनिट को इस्तमेल कर सकते है. उन्होंने बताया कि यूनिट में हल्दी, अदरक,आम पापड़ और मिर्च पाउडर जैसी फसलों का डिहाइड्रेशन कर चिप्स और पाउडर तैयार किए जाते हैं. 

पराली जलाने की घटनाएं जिले में हुई कम

त्यागी का कहना हैं कि कई वर्षों से वे 10 एकड़ में जैविक खेती कर रहे हैं और फल-सब्जियों का उत्पादन करते हैं. अपनी फसल को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती थी. आज एफपीओ के किसानों को बहुत बड़ी मदद मिल रही है. दूसरी तरफ पराली जलाने की घटनाएं जिले में कम हुई है. अब किसान खेत में पराली नहीं जलाते. जबकि गोबर का इस्तेमाल अपनी सब्जियों और फलों को सुरक्षित करने में कर रहे है. 

योगी सरकार की तरफ से मिला अनुदान

हर्षवर्धन ने बताया कि योगी सरकार की तरफ से सरकारी अनुदान हमारे एफपीओ को मिल रहा है. जिससे आज हजारों किसानों को खेती-किसानी में बड़ी मदद मिल रही हैं.

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