Wheat Procurement: इस साल गेहूं खरीद की रणनीत‍ि बदल सकती है सरकार, क्या पूरा होगा टारगेट?

Wheat Procurement: इस साल गेहूं खरीद की रणनीत‍ि बदल सकती है सरकार, क्या पूरा होगा टारगेट?

कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के लिए गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 114 मिलियन टन निर्धारित किया है. इस बार यह टारगेट पूरा हो सकता है क्योंक‍ि अभी तक गेहूं को लेकर मौसम अनुकूल है. यही नहीं इस बार गेहूं का रकबा सामान्य क्षेत्रफल 307.32 लाख हेक्टेयर से अधि‍क हो चुका है.   

गेहूं खरीद की रणनीत‍ि बदल सकती है सरकार. गेहूं खरीद की रणनीत‍ि बदल सकती है सरकार.
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Jan 02, 2024,
  • Updated Jan 02, 2024, 11:17 AM IST

प‍िछले दो साल से अपने गेहूं खरीद लक्ष्य से पीछे रह रही केंद्र सरकार इस बार नई रणनीत‍ि बना सकती है. ताक‍ि कम से कम इस बार लक्ष्य पूरा हो सके. गरीबों को मुफ्त अनाज व‍ितरण के ल‍िए केंद्र को बफर स्टॉक में पर्याप्त गेहूं की जरूरत है. ऐसे में बताया गया है क‍ि केंद्र ने मध्य मार्च से पहले गेहूं खरीदने की योजना बनाई है. इस साल वो अधिकतम अनाज खरीदना चाहता है. ऐसा माना जा रहा है क‍ि केंद्र गेहूं खरीद के अपने बुनियादी ढांचे को तैयार रखेगा ताक‍ि जब भी फसल बाजार में आने लगे, किसान उसे बेच सकें. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा इस महीने राज्यों के खाद्य सचिवों की एक बैठक बुलाने की संभावना है ताकि गेहूं की खरीद फरवरी से शुरू होने पर तैयारी का आकलन किया जा सके.

इस बीच कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के लिए गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 114 मिलियन टन निर्धारित किया है. इस बार यह टारगेट पूरा हो सकता है क्योंक‍ि अभी तक गेहूं को लेकर मौसम अनुकूल है. यही नहीं इस बार गेहूं का रकबा सामान्य क्षेत्रफल 307.32 लाख हेक्टेयर से अधि‍क हो चुका है. केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार 29 द‍िसंबर 2023 तक 320.54 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो चुकी है. हालांक‍ि यह 2022 की इसी अवध‍ि के मुकाबले 4.04 लाख हेक्टेयर कम है. 

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उत्पादन के आंकड़ों पर मतभेद

गेहूं उत्पादन के आंकड़ों पर न‍िजी क्षेत्र और सरकार के बीच मतभेद है. प‍िछले साल सरकार ने दावा किया था कि 2022-23 में गेहूं का उत्पादन 2021-22 के 107.74 मिलियन टन से बढ़कर 110 मिलियन टन से अधिक हो गया है. लेकिन निजी क्षेत्र ने इसे 105 मिलियन टन से अधिक नहीं बताया था. उत्पादन के आंकड़ों और अंतरराष्ट्रीय हालात को देखते हुए गेहूं के दाम में उतार-चढ़ाव होता है. यहां यह भी गौर करने वाली बात है क‍ि केंद्र ने महंगाई को काबू में रखने के ल‍िए गेहूं के एक्सपोर्ट पर 13 मई 2022 से रोक लगाई हुई है और फ‍िलहाल यह रोक हटने का कोई अनुमान नहीं द‍िखाई दे रहा है. 

गेहूं खरीद में जल्दबाजी नहीं करेगा न‍िजी क्षेत्र

प‍िछले साल से गेहूं की महंगाई को देखते हुए सरकार ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) ले आई थी. एक फरवरी 2022 से इसकी शुरुआत हुई थी. सरकार पहले ही इस स्कीम के तहत काफी सस्ते दाम पर खुले बाजार में 55 लाख टन से अधिक गेहूं बेच चुकी है. यही नहीं इस साल 31 मार्च तक कुल 101 लाख टन गेहूं बेचने को तैयार है, ताक‍ि गेहूं और आटा की कीमतें कंट्रोल में रहें.

इस स्कीम के तहत एफसीआई ने नीलामी के ल‍िए गेहूं का आरक्ष‍ित मूल्य 2,129 रुपये रखा था. उसके मुकाबले औसतन 2,181 रुपये प्रत‍ि क्विंटल के दाम पर ब‍िक्री हुई थी. हालांक‍ि, स्टॉक सीमा पर सरकार की ओर से अस्पष्ट संकेत हैं. पता नहीं चल रहा है क‍ि स्टॉक ल‍िम‍िट को 31 मार्च के बाद बढ़ाया जाएगा या नहीं. ऐसे में व्यापारी और उद्योग जगत इस साल गेहूं खरीदने में जल्दबाजी नहीं करेंगे. 

कैसे बनेगी खरीद की रणनीत‍ि

सामान्य तौर पर गेहूं की खरीद अप्रैल से शुरू होती है. इस साल के ल‍िए गेहूं की एमएसपी 2,275 रुपये प्रत‍ि क्विंटल तय की गई है. यानी सरकार इसी दाम पर क‍िसानों से गेहूं खरीदेगी. लेक‍िन मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी ने गेहूं पर बोनस देकर उसे 2,700 रुपये पर खरीदने का वादा क‍िया था. अब दोनों में बीजेपी की सरकार आ गई है तो इन दोनों सूबों में नया रेट म‍िलने का अनुमान है. ऐसे में खरीद की रणनीति बनाना आसान नहीं होगा. इसे लेकर दूसरे राज्यों के क‍िसानों में असंतोष भी हो सकता है. 

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