
मध्य प्रदेश के विंध्य इलाके में नेचुरल खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा इवेंट हो रहा है. 25 दिसंबर को बसमन मामा गाय अभ्यारण्य में नेचुरल खेती पर एक कॉन्फ्रेंस होगी. इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन भी मनाया जाएगा. डिप्टी चीफ मिनिस्टर राजेंद्र शुक्ला ने गाय अभ्यारण्य का दौरा करते हुए कहा कि यह इलाका जल्द ही नेचुरल खेती का एक बड़ा सेंटर बन जाएगा.
अपने दौरे के दौरान, डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने साफ कहा कि नेचुरल खेती को बढ़ावा देने में पशुपालन का बड़ा रोल है. गाय के गोबर और गौमूत्र से बने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट न सिर्फ मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाते हैं बल्कि केमिकल खाद का एक ऑप्शन भी देते हैं. बासमन मामा काउ सैंक्चुअरी में 8,000 से ज़्यादा बेसहारा मवेशियों की देखभाल की जाती है. इन जानवरों से मिलने वाला गोबर और मूत्र आस-पास के किसानों के लिए नेचुरल खेती अपनाने में बहुत काम आएगा.
25 दिसंबर को होने वाली यह कॉन्फ्रेंस किसानों और खेती के जानकारों को एक साथ लाने की एक जरूरी कोशिश है. नेचुरल खेती से जुड़े सफल किसान कॉन्फ्रेंस में अपने अनुभव शेयर करेंगे. एक्सपर्ट बताएंगे कि कम लागत में ज़्यादा पैदावार पाने के लिए नेचुरल तरीकों का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है. इससे लोकल किसानों को नई टेक्नीक और तरीकों के बारे में जानकारी मिलेगी, जिससे ज़मीन पर नेचुरल खेती का फैलाव तेज़ी से होगा.
बसामन मामा गो-अभयारण्य केवल गायों की सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास का भी केंद्र बन रहा है. यहां जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही दुधारू नस्लों के सुधार पर काम किया जा रहा है. इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को रोजगार और प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाया जा रहा है. यह पहल पूरे क्षेत्र में आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगी.
उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 25 दिसंबर के कार्यक्रम के लिए सभी तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए. निर्माणाधीन भोजन शाला का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. गो-अभयारण्य में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण कार्य भी स्वीकृत हो चुका है. इन सुविधाओं से सम्मेलन के आयोजन और भविष्य में चलने वाले कार्यक्रमों को मजबूती मिलेगी.
बसामन मामा गो-अभयारण्य में होने वाला प्राकृतिक खेती सम्मेलन विंध्य क्षेत्र के किसानों के लिए नई राह खोलने वाला है. यह न केवल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगा, बल्कि पशुपालन, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास को भी नई दिशा देगा. प्राकृतिक तरीकों से खेती करके किसान अपनी लागत कम कर सकते हैं और मिट्टी की सेहत भी बेहतर बना सकते हैं. यह सम्मेलन आने वाले समय में पूरे क्षेत्र को प्राकृतिक खेती का केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा.
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