मिजोरम में अदरक, हल्दी और मिर्च समेत ब्रूम स्टिक यानी झाड़ू घास की खेती में तेज बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. राज्य सरकार ने इन चारों फसलों की खरीद के लिए न्यूनतम कीमत तय करने की घोषणा की है, जिसके बाद उत्पादन में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि राज्य के 11 जिलों में हल्दी और अदरक की खेती में तेजी आई है. बड़ी संख्या में किसान परिवारों ने इन चारों फसलों की खेती शुरू की है.
मिजोरम की ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों की कुछ कृषि और बागवानी फसलों की उपज खरीदने की घोषणा के बाद से राज्य में ऐसी फसलों की बुवाई में तेज बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री लालदुहोमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आने के तुरंत बाद कहा था कि वह किसानों को आर्थिक रूप से ऊपर उठाने के लिए हैंड होल्डिंग नीति के तहत चार कृषि या बागवानी फसलों को न्यूनतम मूल्य पर खरीदेंगे. इन फसलों में अदरक, हल्दी, मिर्च और झाड़ू घास की फसल शामिल थी. सरकार ने ऐसी फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य भी तय किया है.
राज्य बागवानी विभाग के अधिकारियों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल ऑर्गनिक अदरक, हल्दी और मिजो मिर्च की खेती करने वाले किसानों की संख्या और बुवाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. कहा गया कि इस बढ़त की वजह राज्य सरकार की ओर से बाजार की व्यवस्था करने की घोषणा, चारों फसलों की सरकारी खरीद, न्यूनतम मूल्य देने के वादे को माना जा रहा है.
विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब 11 जिलों में 25,102 परिवारों ने 27,608.5 एकड़ भूमि पर अदरक की खेती शुरू कर दी है. इस वर्ष 19,000 क्विंटल से अधिक अदरक की उपज होने का अनुमान लगाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य में हल्दी की खेती भी 4,281 एकड़ से अधिक एरिया में की जा रही है और 3,415 परिवार इसकी खेती में जुटे हुए हैं. अनुमान जताया गया कि इस वर्ष के अंत तक राज्य में 81,000 क्विंटल से अधिक हल्दी का उत्पादन होगा.
अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण मिजोरम के लुंगलेई जिले में हल्दी की खेती 892 किसान परिवार कर रहे हैं और 1,600 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बुवाई की गई है. हल्दी की खेती के मामले में लुंगलेई के बाद आइजोल और कोलासिब जिला है.
वर्तमान में 11 जिलों में 8,600 से अधिक परिवार 11,800 एकड़ से अधिक भूमि पर मिजो मिर्च की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस खेती से वर्ष के अंत तक 37,000 क्विंटल से अधिक मिर्च की पैदावार होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने बताया कि आइजोल जिले में सबसे अधिक 1,138 किसान परिवार 1,218 एकड़ एरिया में मिर्च की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा सेरछिप जिले में 1,026 परिवार 1,258.5 एकड़ एरिया में मिर्च की खेती कर रहे हैं.