Black Carrot Benefits: सर्दियों के मौसम में सब्जी मार्केट में गाजर खूब मिलती हैं. इस मौसम में लोग गाजर का हलवा खाना खूब पसंद करते हैं. वहीं काली गाजर (Black Carrot) के सेवन करने से कई गंभीर बीमारियों से आपको छुटकारा मिल सकता है. क्योंकि काली गाजर में आयरन, तांबा, पोटेशियम, फास्फोरस, जस्ता भरपूर मात्रा में होता हैं. इसके साथ-साथ यह विटामिन ए, बी, सी तथा ई का अच्छा स्रोत है. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में लखनऊ के जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर तेज बहादुर सिंह ने बताया कि काले गाजर में बीटा कैरोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. जो आंखों की बीमारी, डायबिटीज, हाई शुगर लेवल, कैंसर समेत दिल से जुड़ी खतरनाक बीमारियों के लिए लाभदायक है. उन्होंने बताया कि इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, फाइबर, आयरन, बीटा कैरोटिन और विटामिन C होता है, जो आपकी इम्युनिटी बूस्ट करने से लेकर तमाम तरह की समस्याओं से बचाने में मददगार है.
जिला कृषि अधिकारी डॉक्टर तेज बहादुर सिंह बताते हैं कि काली गाजर को खाने से आंखों की रोशनी तेज होती है. इसमें एंथोसायनिन यौगिक होता है जो आंखों की कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है. वहीं कैंसर (Cancer) जैसी गंभीर बीमारी के खतरे को भी इस एक चीज से दूर किया जा सकता है. काले गाजर में फाइटोकेमिकल्स भी पाए जाते हैं, जिसके नियमित सेवन से आपको कभी कैंसर का खतरा नहीं रहेगा.
ये भी पढे़ं- यूपी की इस महिला ने घर में उगाए 300 से अधिक औषधीय पौधे, गार्डनिंग का शौक कर रहा बीमारियों का इलाज, जानें कैसे?
सिंह ने बताया कि काली गाजर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती है. ये वजन घटाने के साथ पाचन तंत्र भी मजबूत होता है. ये हार्ट को लंबे समय तक हेल्दी रखने में मदद करती हैं. उन्होंने बताया कि काली गाजर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाने में मदद करता है. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना डाइट में काली गाजर खाने की सलाह दी जाती है.
काली गाजर को भी सामान्य गाजर की तरह ही प्रयोग में ला सकते हैं. इससे सब्जी, अचार, मुरब्बा, सलाद, जूस, हलवा या अन्य मीठे व्यंजन बनाये जाते हैं तथा इसको कच्चा भी खाया जा सकता है.
काली गाजर की खेती भारत में काली गाजर की खेती अधिकतर बड़े शहरों के नजदीकी इलाकों में होती है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब व हरियाणा में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है. भारत में काली गाजर की खेती अधिकतर सितंबर से अक्टूबर माह में की जाती है. जो लगभग 3-4 महीनों में तैयार हो जाती है.