धान की फसल पर भूरा माहू का कहर! समय रहते अपनाएं ये असरदार उपाय

धान की फसल पर भूरा माहू का कहर! समय रहते अपनाएं ये असरदार उपाय

धान की फसल पर भूरा माहू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. जानिए इसके लक्षण, नुकसान और बचाव के असरदार उपाय. सही समय पर कीटनाशकों का छिड़काव कर फसल को बचाएं.

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क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Oct 01, 2025,
  • Updated Oct 01, 2025, 6:02 PM IST

इस समय देश के कई राज्यों में धान की फसल अपने नाजुक दौर से गुजर रही है. कहीं खेतों में बालियां निकल रही हैं, तो कहीं सुनहरी बालियों की भरमार नजर आ रही है. इस बार अच्छी बारिश ने किसानों की उम्मीदों को पंख जरूर लगाए हैं, लेकिन अब मौसम खुलते ही धान की फसलों पर कीटों का खतरा बढ़ गया है.

इन कीटों में सबसे खतरनाक है भूरा माहू (Brown Plant Hopper), जिसे बघेलखंड क्षेत्र में भूरा फुदका भी कहा जाता है. यह कीट शुरुआत में पकड़ में आ जाए तो इसे आसानी से रोका जा सकता है, लेकिन अगर नजरअंदाज कर दिया गया तो यह पूरी फसल को खत्म कर सकता है.

क्या है भूरा माहू?

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, भूरा माहू एक छोटा सा कीट होता है जो धान के पौधे के निचले हिस्से में जम जाता है, खासकर जहां से कल्ले निकलते हैं. यह कीट पौधे का रस चूसता है और धीरे-धीरे उसे सुखा देता है. अगर पौधा दाना बनने से पहले ही सूख जाए तो पूरी उपज बर्बाद हो जाती है.

यह कीट खासतौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में ज्यादा पाया जाता है, क्योंकि इन राज्यों में धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है.

कितना नुकसान कर सकता है ये कीट?

अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो भूरा माहू 80% से 90% तक फसल को नुकसान पहुंचा सकता है. यह खेत में "पैचेस" यानी टुकड़ों में असर दिखाता है, जहां एक ही हिस्से की फसल अचानक सूख जाती है. खराब बात यह है कि अगर एक बार खेत में फैल गया, तो महज एक हफ्ते में पूरी फसल सुखा सकता है.

मौसम क्यों बन गया है खतरनाक?

इस समय सतना और आसपास के इलाकों में मौसम भूरा माहू के लिए बेहद अनुकूल बन गया है. तेज धूप, बढ़ता तापमान और 60–80% तक की आर्द्रता इस कीट के फैलने में मदद कर रही है. यही कारण है कि कृषि विशेषज्ञ किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.

कैसे करें भूरा माहू से बचाव?

1. खेत की सही तरीके से रोपाई करें:

धान की रोपाई के समय हर 10 से 15 कतारों के बाद 1 फीट की खाली जगह जरूर छोड़ें, जिससे खेत में हवा का प्रवाह बना रहे और कीट न फैले.

2. वेट एंड ड्राई सिस्टम अपनाएं:

खेत में पानी भरने और निकालने का सिस्टम रखें. यानी 3-4 दिन के अंतर पर पानी भरें और फिर निकाल दें. इससे कीटों को अनुकूल वातावरण नहीं मिलेगा.

3. उर्वरकों का सीमित प्रयोग करें:

नाइट्रोजन और यूरिया का जरूरत से ज्यादा छिड़काव न करें, क्योंकि इससे भूरा माहू तेजी से बढ़ता है.

कौन से कीटनाशक हैं असरदार?

कृषि विशेषज्ञ डोमिनेंटी और क्लोरपाइरीफोस के मिश्रण को भूरा माहू के लिए सबसे प्रभावी मानते हैं. इसके अलावा "चेस" कीटनाशक भी कारगर है.

छिड़काव की विधि:

  • 15 लीटर पानी में
  • 13–14 ग्राम डोमिनेंटी
  • 30–35 एमएल क्लोरपाइरीफोस मिलाकर घोल तैयार करें.
  • यह घोल 15 डिसमिल खेत के लिए पर्याप्त है.
  • इसका असर 2 दिन के भीतर दिखने लगता है और कीट पूरी तरह खत्म हो जाता है.

भूरा माहू एक छोटा लेकिन बेहद खतरनाक कीट है. अगर इसे समय रहते पहचाना जाए और सही उपाय किए जाएं तो फसल को बचाया जा सकता है. किसान भाई इस समय सतर्क रहें और खेतों का नियमित निरीक्षण करें.

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