बिहार की शाही लीची का देश सहित विश्व में अलग पहचान है. अपने स्वाद की वजह से लीची के तमाम वैरायटियों में शाही लीची की मांग लोगों के बीच अधिक रहती है. इसी का नतीजा है कि मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जीआई टैग भी मिल चुका है. हालांकि, बिहार लीची उत्पादक संघ का कहना है कि दरभंगा एयरपोर्ट से कार्गो आवाजाही के लिए बेहतर सुविधा नहीं हैं. जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर उत्तर बिहार के किसान लीची और सब्जियां दूसरे राज्यों में नहीं भेज पा रहे हैं. बिहार का लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा सिंह ने बताया कि हमने दरभंगा एयरपोर्ट से कार्गो आवाजाही की बेहतर सुविधा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राज्य और केंद्र सरकार की कई एजेंसियों को कई ईमेल भेजा है. अगर समय रहते सरकार के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आगामी लीची सीजन में किसान दरभंगा हवाई अड्डे से अपनी उपज नहीं भेज पाएंगे.
बता दें कि बिहार के 5 जिलों में लीची की खेती होती है. वहीं, भारत के कुल लीची उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत है. राज्य में मुख्य रूप से शाही और चाइनीज लीची के बड़े पैमाने पर बगान हैं.
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बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा सिंह ने पत्र के जरिये बताया है कि वर्तमान में दरभंगा हवाई अड्डा केवल लीची सीजन के दौरान संचालित होता है, जो एक महीने तक चलता है. जिसके बाद यह अपने कार्गो परिचालन को बंद कर देता है. इससे उत्तर बिहार के किसानों को काफी वित्तीय नुकसान होता है, जिन्हें अपनी सब्जियां पटना और रांची के हवाई अड्डों के माध्यम से दूसरे राज्यों में भेजनी पड़ती है. आगे उन्होंने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट के निदेशक और सीएसओ की ओर से रुचि नहीं दिखाने के कारण कार्गो मूवमेंट के लिए एयरपोर्ट को अब तक विभाग से मंजूरी नहीं मिली है.
बच्चा सिंह ने कहा कि दरभंगा हवाई अड्डा उत्तर बिहार का एकलौता परिचालन हवाई अड्डा है. हाल के वर्षों में लगभग 400 मीट्रिक टन लीची दरभंगा से दूसरे राज्यों में भेजी जा चुकी है. अगर पूरे साल कार्गो संचालन होता है तो किसानों और समूहों को व्यापक बाजारों के साथ किसानों को उनके फसलों का अच्छा दाम मिल सकता है. आगे उन्होंने बताया कि दरभंगा एयरपोर्ट पर फल एवं सब्जी रखने के लिए एक भी शेड नहीं है, जिस वजह से 40 डिग्री तापक्रम में भी खुले आसमान में रखना पड़ता है. इससे लीची की गुणवत्ता में कमी आती है और कुछ अंश सड़ता भी है. वहीं, 2022 में 260 टन जबकि साल 2023 में 25 टन लीची भेजा जा सका. हाल के समय में दरभंगा एयरपोर्ट से पूरे दिन में एक फ्लाइट बैंलुरू और एक मुंबई के लिए उड़ान भरती है. जबकि, दो साल पहले चार-चार फ्लाइट हुआ करती थी. ऐसा नहीं है कि लोग यहां से कम आते- जाते हैं.