इस चुनावी साल में केंद्र से लेकर राज्य की सरकार जनता को अपने पक्ष में लाने के लिए कई तरह की योजनाओं का सौगात दे रही है. वहीं बिहार सरकार अपनी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिये राज्य के हर वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने की योजना बना रही हैं. जहां बीते साल राज्य की सरकार बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली करती है. तो साल के शुरुआती सप्ताह में मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना के तहत नौकरी देने के साथ खेल को लेकर एक अलग विभाग बनाने की घोषणा करती है. लोक सभा चुनाव के दौरान सूबे की जनता के बीच अपने कद को मजबूत करने का प्रयास कर रही है. वहीं साल 2024 के पहले कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबे समय से पंचायत प्रतिनिधियों के भत्ते में बढ़ोतरी की मांग को हरी झंडी दे दी है. जिसके बाद मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य तथा सरपंच, उप सरपंच एवं पंच इस निर्णय का स्वागत कर रहे है.
बता दें कि बीते दिनों राज्य सरकार मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना के तहत 71 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र दिया गया था. इसी दौरान सरकार की ओर से खिलाड़ियों के लिए एक अलग विभाग बनाने की घोषणा की गई थी. जिसे अब कैबिनेट की मुहर लग गई है. अभी तक खेल से संबंधित सभी कार्य कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन किए जाते थे.
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बीते दिनों ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य तथा सरपंच, उप सरपंच एवं पंच के मानदेय भत्ता को बढ़ाने की बात कही थी. वहीं सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों का मासिक भत्ता बढ़ाने की मंजूरी दे दी गई. उनके मानदेय में अलग-अलग श्रेणी में 60 से 110 फीसदी की बढ़ोतरी कि गई है. जहां पहले मुख्यमंत्री को 2500 मानदेय मिलता था. वहीं अब 50000 हजार रुपये मानदेय मिलेगा. इसके साथ ही उप मुखिया को 1200 की जगह 2500,पंचायत सदस्य को 500 की जगह 800,सरपंच को 2500 की जगह 5000, उपसरपंच को 1200 को जगह 2500 और पंच को 500 की जगह 800 रुपए मिलेगा. वहीं अब प्रदेश की आंगनबाड़ी सेविका को 5950 रुपये की जगह 7000 और सहायिका को 2975 की जगह 4000 रुपए मानदेय दिया जाएगा.इससे करीब राज्य के 2.30 लाख सेविका और सहायिकाओं को लाभ मिलेगा.
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कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के लिए अब अलग से खेल विभाग बनाया जाएगा. जिसको लेकर कैबिनेट से आखिरी मुहर लगा दी गई है. यह विभाग पूरी तरह से स्वतंत्र काम करेगा. वहीं खेल संरचना का विकास, इससे जुड़े प्राधिकरण, खेल संघ और संघों का रजिस्ट्रेशन आदि सभी कार्य खेल विभाग के द्वारा किया जाएगा.
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