दालों के बढ़ते दाम के बीच केंद्र सरकार ने ल‍िया बड़ा फैसला, अब जमाखोरी माना जाएगा अघोषित भंडार

दालों के बढ़ते दाम के बीच केंद्र सरकार ने ल‍िया बड़ा फैसला, अब जमाखोरी माना जाएगा अघोषित भंडार

उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे समय में जब कनाडा से मसूर और अफ्रीकी देशों से तुअर का आयात बढ़ रहा है, कुछ महत्वपूर्ण कंपनियां उपभोक्ताओं और राष्ट्र के हितों के खिलाफ बाजार में हेरफेर करने की कोशिश कर रही हैं. इसल‍िए सरकार सख्त कदम उठा रही है.

दालों के दाम को लेकर सख्त हुई सरकार (Photo-Kisan Tak).  दालों के दाम को लेकर सख्त हुई सरकार (Photo-Kisan Tak).
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 07, 2023,
  • Updated Sep 07, 2023, 10:35 PM IST

दालों की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करने और बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने मसूर (दाल) के अनिवार्य भंडार की जानकारी तत्काल प्रभाव से देने के लिए कहा है. इसके कारोबार से जुड़े लोगों को मसूर के भंडार की जानकारी हर शुक्रवार को अनिवार्य रूप से पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp/) पर देनी होगी. उपभोक्ता कार्य विभाग ने कहा है क‍ि मसूर का अघोषित भंडार जमाखोरी माना जाएगा. सरकार ने कहा है क‍ि अज्ञात स्टॉक को जमाखोरी मानकर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी. देखना यह है क‍ि इस कदम से उपभोक्ताओं को कोई फायदा पहुंचता है नहीं. 

उपभोक्ता मामले व‍िभाग के प्राइस मॉन‍िटर‍िंग ड‍िवीजन के अनुसार मसूर दाल का औसत दाम 6 स‍ितंबर को 93.2 रुपये प्रत‍ि क‍िलो तक पहुंच गया है. अध‍िकतम भाव 147 रुपये तक हो गया है. इस पर काबू करने के ल‍िए सरकार ने कारोबार‍ियों को स्टॉक का खुलासा करने के ल‍िए कहा है. उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने साप्ताहिक मूल्य समीक्षा बैठक के दौरान विभाग को मसूर की बफर खरीद को व्यापक बनाने का निर्देश दिया है. 

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निलंबित करने पड़े टेंडर  

इस पहल का उद्देश्य एमएसपी के आसपास कीमतों पर उपलब्ध भंडार की खरीद करना है. यह ऐसे समय में हुआ है, जब नेफेड और एनसीसीएफ को कुछ आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त अत्यधिक ऊंची बोलियों के कारण आयातित दाल खरीदने के लिए अपनी निविदाएं निलंबित करनी पड़ी हैं. इसका उद्देश्य एमएसपी के आसपास कीमतों पर उपलब्ध स्टॉक की खरीद करना है. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब नेफेड और एनसीसीएफ को कुछ आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त अत्यधिक ऊंची बोलियों के कारण आयातित दाल खरीदने के लिए अपनी निविदाएं निलंबित करनी पड़ीं.

उच‍ित कीमत पर दाल बेचने की कोश‍िश

उपभोक्ता कार्य व‍िभाग के सचिव ने कहा कि ऐसे समय में जब कनाडा से मसूर और अफ्रीकी देशों से तुअर का आयात बढ़ रहा है, कुछ महत्वपूर्ण कंपनियां उपभोक्ताओं और राष्ट्र के हितों के खिलाफ बाजार में हेरफेर करने की कोशिश कर रही हैं. सरकार घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रही है. स्टॉक को बाजार में उतारने के लिए कड़े कदम उठाएगी, ताकि त्योहारी सीजन में उचित कीमतों पर सभी दालों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. 

उपभोक्ताओं-किसानों दोनों का ह‍ित साधेगी सरकार 

सिंह ने कहा कि उपभोक्ताओं के साथ किसानों के हितों को विवेकपूर्ण ढंग से संतुलित करना सर्वोपरि है. विभाग बेईमानी से भारतीय उपभोक्ताओं और किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने में संकोच नहीं करेगा. बता दें क‍ि उत्पादन में गिरावट के कारण पिछले कुछ महीनों में दालों में तेजी का रुख बना हुआ है. इसके अलावा, चालू खरीफ सीजन में कम बारिश के कारण रकबा प्रभावित होने के कारण भी दालों में तेजी का रुझान बना हुआ है.

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