Berseem Farming : किसानों के लिए फायदे का सौदा है बरसीम की खेती, बुआई-सिंचाई और उन्नत किस्मों के बारे में जानिए

Berseem Farming : किसानों के लिए फायदे का सौदा है बरसीम की खेती, बुआई-सिंचाई और उन्नत किस्मों के बारे में जानिए

बरसीम की खेती से भी किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसकी खेती का उचित समय सितम्बर से अक्टूबर महीने का माना जाता है. यहां जानिए इसकी खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी और कौन सी है सबसे बेहतर किस्म.

जानिए बरसीम की खेती के बारे में जानिए बरसीम की खेती के बारे में
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Aug 30, 2023,
  • Updated Aug 30, 2023, 5:29 PM IST

बरसीम की फसल को पशुओ के लिए हरे चारे के रूप में उगाया जाता है. पशुओ के लिए बरसीम एक पौष्टिक आहार होता है . बरसीम के पौधों में शुष्क प्रदार्थ की पाचन शीलता 70% तक होती है, तथा इसमें 21% तक प्रोटीन की मात्रा भी पाई जाती है. जिस वजह से बरसीम का सेवन करने से पशु बिल्कुल स्वस्थ रहते है, और उनकी कार्य क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन की क्षमता में भी वृद्धि होती है. इसकी हमेशा बजार में बनी रहती हैं ऐसे में इसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बरसीम का सही समय सितंबर से अक्टूब  का महिना माना जाता है. 

इसका पौधा देखने में मेथी की तरह होता है, जो भूमि से लगभग दो फ़ीट ऊंचाई तक होता है, जिसमे पीले और सफ़ेद रंग के फूल निकलते है.बरसीम को मुख्य तौर पर हरे चारे की आपूर्ति के लिए उगाया जाता है, लेकिन किसान इसे पैदावार के लिए भी उगाते है, इस खरीफ सीजन में किसान बरसीम सही तरीके से खेती कर अच्छा उत्पादन और मुनाफा दोनों कमा सकते हैं. 

उपयुक्त मिट्टी और जलवायु 

बसीम की खेती के लिए क्षारीय, बलुई दोमट मिट्टी की जरूरत होती है, इसे अम्लीय भूमि में नहीं उगाना चाहिए.  इसकी खेती में मिट्टी का P.H. का मान 7 से 8 के मध्य होना चाहिए . समशीतोष्ण और शीतोष्ण जलवायु बरसीम की फसल के लिए उपयुक्त मनी जाती है .

बरसीम की उन्नत किस्में 

वर्तमान समय में बरसीम की कई उन्नत किस्मो को उगाया जा रहा है लेकिन इन किस्मों  बी एल 1, पूसा ज्वाइंट,वरदान, पूसा जायंट, टी० 780, टी० 526, टी० 560, टी० 724, तथा टी० 678 किस्मों का अधिक उपयोग किया था.

खेत की तैयारी 

बरसीम की बुवाई के लिए एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. उसके बाद 5 से 6 बार हैरो चलाकर पलटना  चाहिए. जिससे खेत की सख्त मिट्टी भुरभरी हो जाय. बुवाई से पहले खेती को समतल नकारना जरूरी हो जाता है.  

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बीज की दर 

बरसीम की एक हेक्टेयर की बुवाई के लिए 25 से 35 किलोग्राम बीज की जरूरत  पड़ती है. बरसीम की बीज की मात्रा बीज आकर पर निर्भर करती है. देशी किस्मों के छोटे बीज होते है. इसकी बीज दर 25 किग्रा० प्रति हेक्टेयर होती है. चतुर्गुणित किस्मों के बीज बड़े होते है. इसलिए इनकी बीज दर 30 से 35 किग्रा० प्रति हेक्टेयर होती है.

बुवाई का उचित समय 

बरसीम की बुवाई का उचित समय सितम्बर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर तक होता है. नवम्बर महीने में बोई गयी फसल में एक से दो कटाई कम मिलती है.

खरपतवार नियंत्रण 

बीज उत्पादन के लिए खरपतवार कासनी  को नियंत्रण करने के लिए डाईनोसेव एसिटेट  को एक किलोग्राम को 1000 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए.

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