'बंगाली को पोस्तो बहुत पसंद है': ममता बनर्जी ने मांगी अफीम की खेती की इजाजत

'बंगाली को पोस्तो बहुत पसंद है': ममता बनर्जी ने मांगी अफीम की खेती की इजाजत

ममता बनर्जी ने कहा, बंगाली पोस्तो पसंद करते हैं. फिर इसकी खेती केवल चार राज्यों में क्यों होती है? इसकी खेती पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं होती? जबकि हमारे हर दिन के मेन्यू का यह हिस्सा होता है. ममता बनर्जी ने कहा, हमें दूसरे राज्यों से बहुत अधिक रेट पर पोस्तो दाना क्यों खरीदना पड़ता है?

भारत के तीन राज्यों में अफीम की खेती की इजाजत दी गई हैभारत के तीन राज्यों में अफीम की खेती की इजाजत दी गई है
क‍िसान तक
  • kolkata,
  • Mar 10, 2023,
  • Updated Mar 10, 2023, 6:46 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र से मांग की कि उनके राज्य में अफीम की खेती की इजाजत मिलनी चाहिए क्योंकि 'बंगालियों को पोस्तो बहुत पसंद है'. पोस्तो से बनाए गए कई व्यंजन बंगाल के लोगों को बेहद पसंद है. अफीम के बीज को खसखस कहते हैं जिसका उपयोग खाने के कई सामानों में किया जाता है. विधानसभा में अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, पोस्तो या अफीम का बीज बहुत महंगा बिकता है क्योंकि देश के कुछ ही राज्यों में इसका उत्पादन होता है. इसलिए सरकार बंगाल में इसे उगाने की अनुमति दे.

ममता बनर्जी ने कहा, बंगाली पोस्तो पसंद करते हैं. फिर इसकी खेती केवल चार राज्यों में क्यों होती है? इसकी खेती पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं होती? जबकि हमारे हर दिन के मेन्यू का यह हिस्सा होता है. ममता बनर्जी ने कहा, हमें दूसरे राज्यों से बहुत अधिक रेट पर पोस्तो दाना क्यों खरीदना पड़ता है? पश्चिम बंगाल को अपने यहां पोस्तो उगाने की इजाजत क्यों नहीं मिलता? बनर्जी ने कहा कि वे विपक्षी दलों से भी कहेंगी कि इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाए.

ममता बनर्जी ने कहा कि सभी अफीम ड्रग्स नहीं होते. ममता बनर्जी ने कहा, हमलोगों ने कहा है कि खेतों में अफीम उगाएंगे, यहां ऐसे कई खेत हैं. अगर हम अपने राज्य में अफीम उगाएंगे तो पोस्तो 1000 रुपये के बदले 100 रुपये किलो मिलेगा. हमें इसके बारे में मिलजुल कर फैसला लेना होगा. सभी अफीम ड्रग्स नहीं होते.

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पश्चिम बंगाल इस अत्यधिक रेगुलेटेड फसल की खेती के लिए अनुमति पाने की कोशिश कर रहा है क्योंकि खसखस ​​बंगाली व्यंजनों का अभिन्न अंग है. ममता ने कहा, "हमारे किसान अब बेहतर कमाई कर रहे हैं. वे अब चार गुना कमा रहे हैं. हमारे वैज्ञानिकों ने कुछ शोध के काम किए हैं, जिससे हमें कई तरह से मदद मिली है. मैंने उन्हें यह विचार दिया था. राजनीतिक रूप से, कुछ लोग सोचते हैं कि मैं एक मूर्ख हूं. यह मेरा दुर्भाग्य है कि मैं उन्हें स्वीकार्य नहीं हूं."

ममता बनर्जी ने कहा कि जिस तरह केंद्र ने बासमती को टैक्स में राहत दी है, उसी तरह उसे पश्चिम बंगाल में पैदा होने वाले गोबिंदभोग और तुलाईपंजी चावल की किस्मों को भी इसी तरह का लाभ देना चाहिए.

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भारत में अफीम की खेती के लिए वैध अनुमति मिली हुई है जिसमें कुछ राज्य शामिल हैं. उगाई गई अफीम का इस्तेमाल चिकित्सा और वैज्ञानिक शोध के लिए किया जाता है. उगाई जाने वाली घरेलू खर्च और निर्यात दोनों के प्रयोग में आती है. मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, झाबुआ, शाजापुर और राजगढ़ में जबकि राजस्थान के कोटा, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और भीलवाड़ा में इसकी खेती की जाती है. इसके अलावा यूपी के बाराबंकी, फैजाबाद, गाजीपुर, मऊ, लखनऊ, रायबरेली, बरेली, शाहजहांपुर और बदायूं में इसकी खेती होती है.(PTI)

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