राजस्थान में सरसों के गिरते भाव को लेकर किसानों ने बड़ा मोर्चा खोल दिया है. एकजुट किसानों ने ऐलान किया है कि वे अपनी सरसों को 5450 रुपये की एमएसपी से नीचे नहीं बेचेंगे. इस साल सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है, लेकिन किसानों को यह रेट नहीं मिल रहा है. किसानों की शिकायत है कि बाजार में सरसों के दाम गिर रहे हैं जबकि सरसों तेल का भाव अब भी आसमान छू रहा है. सरसों के किसान परेशान हैं जबकि व्यापारी फायदा उठा रहे हैं. इसलिए राजस्थान के किसानों ने तय किया है कि वे किसी भी सूरत में एमएसपी से नीचे सरसों नहीं बेचेंगे.
सरसों के भाव को लेकर नई दिल्ली में 'सरसों सत्याग्रह' चल रहा है. किसान इस आंदोलन के जरिये सरकार से आश्वासन चाहते हैं कि उन्हें अपनी उपज का सही दाम मिले. इस आंदोलन के दौरान नई दिल्ली में शुक्रवार को राजस्थान के किसानों ने फैसला किया कि वे अपनी सरसों को 5450 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे नहीं बेचेंगे. किसानों ने इस बात की भी प्रतिज्ञा ली कि अब वे खुद अपनी उपज का दाम तय करेंगे, न कि सरकार इसे निर्धारित करेगी.
राजस्थान के अलग-अलग जिलों के लगभग 100 किसानों ने एकजुटता दिखाते हुए एमएसपी से कम रेट पर सरसों नहीं बेचने की प्रतिज्ञा ली है. इन किसानों ने बाकी किसानों से भी आग्रह किया है कि इस नाजुक स्थिति में वे एकजुट हों और अपनी उपज के सही दाम के लिए आंदोलन करें. एमएसपी के इस आंदोलन की अगुआई राजस्थान का किसान संगठन 'किसान महापंचायत' कर रहा है.
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किसान महापंचायत संगठन के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा, किसानों ने यह निर्णय लिया है कि वे अपनी उपज का दाम खुद तय करेंगे और उस दाम से नीचे सरसों नहीं बेचेंगे. राजस्थान और दिल्ली में किसानों का यह आंदोलन इसलिए हो रहा है क्योंकि सरसों का भाव गिरकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया है. ठीक एक साल पहले इसी सरसों का भाव 7444 रुपये थे. साल भर के अंदर सरसों के भाव में आधा से भी अधिक गिरावट है जिसके खिलाफ किसान सड़कों पर उतर गए हैं.
रामपाल जाट ने 'बिजनेसलाइन' से कहा, केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया था कि सरसों की बिक्री एमएसपी पर कराई जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसके बाद किसानों के समक्ष दो विकल्प आए- या तो सरसों की सप्लाई बंद की जाए या एमएसपी पर बिक्री की जाए. अधिकांश किसानों ने दूसरे विकल्प पर रजामंदी जताई है और एमएसपी पर सरसों बेचने का फैसला किया है. किसान अपनी उपज को रोककर नहीं रखना चाहते, इसलिए एमएसपी पर उसे बेचने के लिए तैयार हैं. अगर एमएसपी का भाव नहीं मिलेगा, तो वे सरसों नहीं बेचेंगे.
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कृषि विभाग के एगमार्कनेट पोर्टल के मुताबिक, अप्रैल में सरसों का भाव 5079 रुपये चल रहा है जबकि मार्च में यह दाम 4987 रुपये प्रति क्विंटल था. मध्य प्रदेश में अभी यह भाव 5011 रुपये है जबकि मार्च में 4828 रुपये प्रति क्विंटल था. सरकार ने इस साल सरसों का उत्पादन लक्ष्य 128.18 लाख टन निर्धारित किया है. पिछले साल यह अनुमान 119.63 लाख टन रखा गया था. राजस्थान में सरसों का उत्पादन 46 लाख टन तक जाने का अनुमान जताया गया है.