राजस्थान के उदयपुर जिले में शनिवार और रविवार को हुई ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से फसलों का बहुत नुकसान हुआ है. खेतों में खड़ी फसलें गिर गई हैं. सरसों, मटर और सब्जियों की फसलें बहुत अधिक प्रभावित हुई हैं. यहां फसलों के नुकसान का जायजा लेने के लिए जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा के निर्देशानुसार सोमवार को जिलेभर में कृषि विभागीय अधिकारियों की टीमों ने दौरा किया और नुकसान के संबंध में जानकारी हासिल की. इसी सर्वे के आधार पर जिले के किसानों को उनकी फसलों का मुआवजा दिया जाएगा. सर्वे का काम तेज कर दिया गया है.
सर्वे के बाद कृषि अधिकारियों ने बताया कि जिले में सरसों की खड़ी फसल में फलिया झड़ने से, ओलावृष्टि से गेहूं और जौ की बालियां टूटने और चने की फसलों में तना टूट कर नीचे गिरने से भारी नुकसान हुआ है. इसके साथ ही पशुओं के चारे के लिए रिजका और बरसीम की खेती में भारी नुकसान हुआ है. बारिश और ओला गिरने से फलदार पौधों में भी भारी नुक़सान देखा गया है. सब्जियों के खेतों में पानी भर जाने से भी नुकसान दर्ज किया गया है.
निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त निदेशक कृषि भूरालाल पाटीदार, संयुक्त निदेशक कृषि माधोसिंह चंपावत, उप निदेशक उद्यान डॉ लक्ष्मी राठौड़, सहायक निदेशक कृषि डॉ. देवेंद्र प्रताप सिंह राठौड़, उपखंड अधिकारी गोविंद सिंह, तहसीलदार छगनलाल रेगर, कृषि फसल बीमा के अनिल कोठारी, नारायण लाल, कृषि अधिकारी सीमा झगड़ावत, महेश आमेटा, सहायक कृषि अधिकारी जयश्री झाला और प्रभावित क्षेत्रों के कृषि पर्यवेक्षक, क्षेत्र के किसान, सरपंच, जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
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कृषि विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान मौक़े पर कई किसानों को फसलों के नुक़सान की सूचना ऐप के माध्यम से दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान बीमा कंपनी के कोऑर्डिनेटर अनिल कोठारी और प्रतिनिधि नारायण लाल डांगी ने ऐप के माध्यम से नुकसान को पता करने की विधि बताई ताकि किसान समय पर हुए नुक़सान की सूचना कृषि फ़सल बीमा कंपनी को दे सकें. जिले में काश्तकारों को हुए नुकसान के संबंध में जानकारी लेने के लिए जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और जिले के सभी उपखंड अधिकारियों, तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारियों से ज़िले में ओलावृष्टि से हुए नुक़सान का जायज़ा लेकर गिरदावरी करने के निर्देश दिए.
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सहायक निदेशक कृषि डॉ. देवेंद्र प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि जिन किसानों के ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं से नुक़सान हुआ है और उन्होंने अगर फ़सल बीमा योजना के तहत बीमा करवा रखा है तो टोल फ़्री नंबर 18004196116 पर सूचना दर्ज कराएं. किसानों को मेल आई डी Ro.jaipur@aicofindia.com पर 72 घंटों में नुक़सान की सूचना दे सकते हैं ताकि नुक़सान का आकलन करके बीमा कंपनी द्वारा मुआवज़े की कार्रवाई की जा सके. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही क्षेत्र में कार्यरत कृषि पर्यवेक्षकों और सहायक कृषि अधिकारी से संपर्क कर नुक़सान की सूचना आवेदन में भर कर दे सकते हैं.(रिपोर्ट/महेंद्र बंसरोटा)