देशभर में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की कटाई का समय चल रहा है. इस बीच, कई राज्यों से गेहूं फसल में आग लगने की खबरें सामने आ रही है. ऐसे में पंजाब में सावधानी बरतते हुए पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल- पंजाब डिस्कॉम) ने गेहूं की कटाई के सीजन में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया है. एक बयान में, बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने कहा कि कंट्रोल रूम नीचे लटके बिजली के तारों से जुड़ी आपात स्थितियों से निपटने के लिए बनाया गया है, जो स्पार्किंग का कारण बन सकते हैं और गेहूं के खेतों में आग लगने की संभावना है.
उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे ऐसी समस्याओं की तुरंत निकटतम उप-मंडल कार्यालय, शिकायत केंद्र या नियंत्रण कक्ष 96461-06835, 96461-06836 या टोल-फ्री नंबर 1912 पर रिपोर्ट करें ताकि इन विद्युत खतरों का समय पर समाधान किया जा सके. सिंह ने कहा कि ढीले या नीचे लटके तारों या स्पार्किंग की घटनाओं की तस्वीरें, स्थान विवरण के साथ, 96461-06836 पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जा सकती हैं.
उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे कटे हुए गेहूं को बिजली की लाइनों के नीचे या ट्रांसफार्मर के पास न रखें और उन्हें गेहूं के खेतों के पास सिगरेट या बीड़ी न पीने के लिए आगाह किया. सिंह ने किसानों से अपील की कि वे हार्वेस्टर कंबाइनों का इस्तेमाल केवल दिन के समय ही करें और मशीनों से निकलने वाली किसी भी चिंगारी के प्रति सतर्क रहें.
गेहूं खरीद सत्र 1 अप्रैल से शुरू हुआ है और पंजाब में 124 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, देशभर के गेहूं उत्पादक राज्यों में सरकार ने किसानों को गेहूं की पराली न जलाकर, इसका प्रबंधन करने के लिए कहा है, क्योंकि खेत में पराली जलाने से कई नुकसान होते हैं.
इसमें पहला नुकसान तो वायु प्रदूषण से जुड़ा है, जिससे लोगों को बीमारी का खतरा रहता है, जबकि खेत के जरूरी पोषक तत्च और खेती को फायदा पहुंचाने वाले जीवों की भी मौत हो जाती है और अगली फसल में मिट्टी में खाद आदि की मांग बढ़ जाती है, जो खेती की लागत बढ़ाती है.
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने बैन लगाया हुआ है और इसकी सैटेलाइट से निगरानी की जाती है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को सख्ती से नियमों का पालन करने के लिए कहा है और नियमों का उल्लंघन करने वाले किसानों पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.