पठानकोट में बारिश के कारण जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर गेहूं को भारी नुकसान पहुंचा है. मंडियों में खुले में पड़ा गेहूं भीग गया है जिससे उसके खराब होने का खतरा पैदा हो गया है. गेहूं के साथ-साथ बारिश के कारण बागवानों के लीची का फल भी प्रभावित हुआ है. बागवानों ने सरकार से लीची के फल का मुआवजा मांगा है. इससे पहले गेहूं के साथ भी यही हाल हुआ था. खेतों में खड़ी फसल खराब होने और मंडियों में गेहूं भीगने के बाद किसानों ने मुआवजे की मांग की है. कुछ यही हाल लीची किसानों का भी है.
पठानकोट में इस बारे में जब स्थानीय लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गुरुवार को बारिश होने के कारण गर्मी से कुछ राहत मिली है, लेकिन गेहूं प्रभावित हुआ है. वही इस बारिश के कारण पठानकोट में सबसे ज्यादा लीची पर प्रभाव पड़ा है. पठानकोट में लीची की पैदावार सबसे ज्यादा होती है. बारिश से लीची पर बेहद बुरा असर पड़ा है क्योंकि इसके फल अब टूटने वाले थे. इस नुकसान के बाद बागवानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है.
पठानकोट में गुरुवार दिन में तेज बारिश हुई जिससे आम लोगों को भारी परेशानी हुई. किसानों में भी भारी मायूसी देखी गई क्योंकि इस बेमौमसी बारिश से कई फसलों का नुकसान हुआ है. पठानकोट में लीची की खेती बड़े पैमाने पर होती है जिसे बारिश से नुकसान पहुंचा है. लीची का अभी बढ़वार का सीजन है और कुछ दिनों बाद फल निकलने लगेगा. लेकिन बारिश और तेज हवाओँ से फल गिर गए हैं जिससे लीची किसानों में मायूसी देखी जा रही है.
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पंजाब के साथ-साथ हरियाणा के कई इलाकों में बारिश हुई है. बारिश से मंडियों में रखे गेहूं का भारी नुकसान हुआ है. जिन उपजों की खरीद नहीं हुई थी और जिन उपजों को सही जगह पर नहीं रखा गया था, उसकी भारी बर्बादी देखी जा रही है. अभी मंडियों में गेहूं की आवक तेज है और किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए मंडियों का रुख कर रहे हैं. लेकिन मंडियों में गेहूं रखने की जगह नहीं है. इसकी वजह से मंडियों में कई-कई घंटे का वेटिंग टाइम चल रहा है. किसानों को अपनी उपज तुलवाने के लिए कई घंटे तक लाइन में लगना पड़ रहा है.
पंजाब और हरियाणा में बेमौसम बारिश से खुले में रखा गेहूं भीग गया है जिसके खराब होने का खतरा पैदा हो गया है. किसानों की शिकायत है कि मंडी प्रशासन की लापरवाही से सैकड़ों क्विंटल गेहूं भीग गया और उसके खराब होने का खतरा पनप रहा है. मंडियों में तिरपाल की भी व्यवस्था नहीं है जिससे कि अचानक बारिश आने से किसान अपनी उपज को ढक सकें. किसानों का कहना है कि पहले गेहूं खरीद में देरी हुई और अब गेहूं भीगने से खराब हो रहा है. इस बारे में सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और मंडी प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.(पवन सिंह का इनपुट)
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