पंजाब में आई बाढ़ के चलते ढाई लाख एकड़ से भी ज्यादा किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है. अगर बात संगरूर की करें तो वहां एक हफ्ते से घग्गर नदी में आई बाढ़ से 45000 एकड़ से ज्यादा किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है. किसान अब यहां कैसे धान की फसल उगा सकेंगे, बड़ा सवाल यही है. क्या किसान दोबारा धान की रोपाई करें तो उन्हें फायदा होगा? इन सभी सवालों पर 'आजतक' संवाददाता ने संगरूर के चीफ एग्रीकल्चर ऑफिसर डॉक्टर हरबंस सिंह से खास बातचीत की. हरबंस सिंह ने बताया कि किसानों को क्या करना चाहिए. उन्होंने संगरूर में बाढ़ से हुई तबाही की भी पूरी जानकारी दी.
संगरूर के चीफ एग्रीकल्चर ऑफिसर डॉक्टर हरबंस सिंह ने बताया कि संगरूर में बाढ़ के चलते तकरीबन 45000 एकड़ में किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. चाहे इसमें धान की फसल हो या मवेशी को डालने वाला हरा चारा हो, किसानों की हर तरह की फसल बर्बाद हो गई है. डॉ. हरबंस सिंह कहते हैं, हमारी कोशिश है कि हम 25000 एकड़ में दोबारा से धान की रोपाई कर सकें. अगर मौसम ने हमारा साथ दिया तो 10 अगस्त तक धान की दोबारा रोपाई की जा सकती है. यही वजह है कि पूरे इलाके में बड़े स्तर पर धान की रोपाई के लिए धान की कई किस्मों की पनीरी तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर मौसम ने साथ नहीं दिया तो खेतों में धान लगाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि उसके बाद उसका समय निकल जाएगा.
'आजतक' की टीम ने संगरूर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा मस्तुआना साहिब के गुरुद्वारा अंगीठा साहिब के मुखी बाबा दर्शन सिंह जी से खास बातचीत की. उन्होंने 25 एकड़ जमीन पंजाब सरकार को मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए दान में दी थी. लेकिन उस जमीन का विवाद एसजीपीसी के साथ चल रहा है. वहां पर मेडिकल कॉलेज नहीं बन पाया, लेकिन यह जमीन बाढ़ प्रभावित किसानों के मदद में काम आ रही है. 13 एकड़ खेत में उन किसानों के लिए धान का बिचड़ा तैयार किया जा रहा है जिनकी फसल बाढ़ में बर्बाद हो गई है. इन किसानों को धान की नर्सरी दी जाएगी ताकि वे दोबारा रोपाई कर सकें.
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सबसे खास बात ये है कि प्रभावित किसानों को धान की नर्सरी बिल्कुल मुफ्त में दी जाएगी. बाबा दर्शन सिंह ने बताया कि गुरुद्वारे की दान की गई जमीन पर पहले मेडिकल कॉलेज बनना था जो किसी कारणों से नहीं बन पाया. उस कॉलेज के बनने से लोगों की मदद होती, लेकिन अब इस जमीन पर बाढ़ प्रभावित हजारों किसानों के लिए धान की अलग-अलग किस्मों की बीज तैयार किया जा रहा है. धान की अलग-अलग किस्मों के बीज तैयार हो चुके हैं. प्रभावित किसानों के खेतों से पानी जैसे ही उतरेगा, उन्हें धान रोपाई के लिए नर्सरी दे दी जाएगी, वह भी पूरी तरह से मुफ्त.
इससे पहले बुधवार को पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां संगरूर पहुंचे और प्रभावित किसानों से बात कर उनका हाल जाना. कृषि मंत्री ने कहा कि हालिया बारिश से पंजाब में बहुत नुकसान हुआ है और केंद्र सरकार से आग्रह है कि वह किसानों की मदद करे. कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब हमेशा आगे आकर देश के लोगों की मदद करता रहा है. ऐसे में जब पंजाब के आम लोग, किसान मुश्किल में हैं तो केंद्र सरकार को पंजाब की मदद करनी चाहिए.
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पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आधा पंजाब बाढ़ की मार झेल रहा है. ढाई लाख एकड़ से ज्यादा किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है जिसका पक्के तौर पर अनुमान लगाना अभी बाकी है क्योंकि बाढ़ का खतरा अभी बना हुआ है. ढाई लाख एकड़ खेत में दोबारा धान लगाने की बात हो ही है, लेकिन नुकसान इससे कहीं ज्यादा है.