महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी लासलगांव प्याज मंडी को उसके प्रबंधन ने अगले चार दिन तक के लिए बंद रखने का एलान किया है. अब मंडी पांच अप्रैल को खुलेगी तब जाकर किसानों की फसल की नीलामी शुरू हो पाएगी. इसको लेकर किसानों के बीच नाराजगी है. आम तौर पर माना जा रहा है कि लासलगांव मंडी बंद होने से प्याज के दामों में बढ़ोत्तरी हो सकती है, लेकिन किसानों का कहना है कि मंडी प्रशासन के इस फैसले से प्याज के दामों में गिरावट होगी. आइए जानते हैं कि इस फैसले से कैसे प्याज के दामों में और गिरावट हो सकती है.
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव के बंद करने के फैसलें को लेकर किसानों गुस्सा हैं. किसानों का कहना है कि चार अप्रैल तक मंडी बंद होने से किसान प्याज की नीलामी नहीं कर पाएंगे. तो वहीं पांच तारीख को अचानक आवक बढ़ेगी और दाम गिर जाएंगे. पहले से ही प्याज का भाव (Onion Price) औसतन 2 से 7 रुपये प्रति किलो चल रहा है. ऐसे में मंडी बंद रहने से किसानों को और नुकसान हो सकता है. महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि मंडी प्रशासन के इस फैसले से किसानों को नुकसान हो सकता है.
महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि नियमों के मुताबिक मंडियों को लगातार तीन दिन से अधिक बंद नहीं रखा जा सकता. होने बताया कि ऐसा होने पर महाराष्ट्र कृषि उत्पाद खरीद और बिक्री अधिनियम 1963 के अनुसार मंडी प्रबंधन पर कार्रवाई हो सकती है, लेकिन ट्रेडर्स और मंडी कमेटियों की लॉबी इतनी मजबूत है कि उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है. फिलहाल, मार्केट कमेटी ने बताया है कि अगले चार दिन प्याज की नीलामी नहीं होगी. आगामी बैंक अवकाश एवं महावीर जयंती के अवसर पर इस संबंध में व्यापारियों द्वारा मार्केट कमेटी से किए गए अनुरोध को स्वीकार करते हुए मैनेजमेंट ने मंडियों में खरीद और लेन-देन बंद करने की घोषणा की है.
आमतौर पर वित्तीय वर्ष के अंत में नीलामी को चार से पांच दिनों के लिए बंद कर देते हैं. हालांकि, किसान इस तरह की लंबी बंदी के खिलाफ होते हैं. सामान्यतौर पर मंडी सप्ताह में एक दिन बंद रहती है. किसान नेता भारत दिघोले का कहना है कि किसानों को हर रोज पैसे की जरूरत होती है. ऐसे में ट्रेडिंग नहीं होने से उनको पैसा मिलना बंद हो जाता है. अब पांच अप्रैल को जब मंडी खुलेगी तो अचानक प्याज की आवक बढ़ जाएगी. जिससे दाम और कम हो जाएगा. जबकि मंडी बंद होने का हवाला देकर ट्रेडर ज्यादा पैसा कमा लेगा. इस तरह इस बंदी से उपभोक्ताओं और किसानों दोनों को नुकसान होगा. इसलिए मंडियों में इतने दिन तक ताला लटकना ठीक नहीं है.
महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक प्रदेश है. यहां पर देश का करीब 42 फीसदी प्याज पैदा होता है. जबकि महाराष्ट्र के कुल प्याज उत्पादन में लगभग 50 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले नासिक जिले की होती है. नासिक अपने प्याज उत्पादन के लिए ही मशहूर है. यहां पर लासलगांव और पिंपलगांव जैसी कई मशहूर मंडियां हैं. एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव को तो चार दिन बंद रखने का विरोध किसान कर रहे हैं.