महाराष्ट्र में किसान साल में तीन बार प्याज की फसल लेते हैं. इस समय कई जिलों में किसान रबी सीजन के प्याज की बुवाई कर रहे हैं. हालांकि बारिश की वजह से एक महीने की देरी से बुवाई का काम शुरू हुआ है. इसका क्या असर पड़ेगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने देश के सबसे मशहूर प्याज उत्पादक जिले नासिक के एक किसान से बातचीत की.किसान संजय साठे बताते हैं कि रबी सीजन के प्याज़ की बुवाई दिसंबर महीने में की जाती है और अप्रैल में हार्वेस्टिंग होती हैं. लेकिन, इस साल बेमौसम बारिश के कारण इसमें काफी देरी हुई है. ऐसे में फसलों पर कीट लगने का खतरा बढ़ गया है. नतीजतन इस वर्ष प्याज के उत्पादन में भी कमी आने की संभावना है.
वहीं बुलढाणा जिले में प्याज की खेती देरी से शुरू हुई है, लेकिन अब इसमें तेजी देखी जा रही है. जिले में डेढ़ से ढाई हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में प्याज की खेती की संभावना जताई जा रही है. इसके आलवा राज्य के सोलापुर, अहमदनगर, मालेगांव और धुले समेत कई जिलों में ज़्यादातर महिला किसान प्याज की रोपाई करती नजर आ रही हैं.
महिला किसान पारंपरिक गीतों को गाते हुए प्याज़ की रोपाई करती हैं. यह नजारा अपने आप में काफी दिलचस्प होता है. सुबह महिलाएं खेतों में जाकर प्याज लगाती हैं, कई महिला किसान एक साथ मिलकर एक दूसरे के खेतो में प्याज़ लगाते समय पारंपरिक गीत शुरू करती हैं. जिसका मतलब होता है कि "मेरे किसान राजा इस साल प्याज की अच्छी पैदावार हो." इस तरह गीत गाकर महिलाएं खेतों में काम करती हैं. प्याज उत्पादक किसान साठे कहते हैं कि प्याज की खेती बड़े पैमाने पर ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देती है.
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महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है, जहां देश का करीब 42 फीसदी उत्पादन होता है. यहां साल में तीन बार इसकी खेती की जाती है. जिसमें खरीफ, अर्ली खरीफ और रबी सीजन का प्याज शामिल है. खरीफ सीजन में प्याज की बुआई जुलाई-अगस्त महीने में की जाती है, खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल अक्टूबर में हार्वेस्टिंग की जाती है.
उसी बीच किसान अगेती लाल प्याज की खेती करते रहते है और रबी सीजन की बुआई दिसंबर में की जाती हैं, जो की इस समय की जा रही है. राज्य में कुल प्याज उत्पादन में नासिक अव्वल है. नासिक के बाद अहमदनगर, पुणे, सोलापुर, सतारा जिले प्याज उत्पादन में अग्रणी हैं. यहां की लासलगांव मंडी प्याज कारोबार के लिए मशहूर है जो एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी मानी जाती है.
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