जनवरी से लेकर मार्च तक का महीना बागवानी फसलों के लिए काफी अहम माना जाता है, क्योंकि इस समय कई पेड़ाें में फल उत्पादन की प्रक्रिया के तहत फूल, बौर आदि का विकास शुरू हो जाता है और इन पर कई बीमारियों और कीटों के हमले का खतरा रहता है. इसकी एक वजह मौसम भी है. एक ओर जहां बेमौसम बारिश से बागवानी फसलों को नुकसान होने की आशंका रहती है, वहीं इस समय तापमान का बढ़ना भी इनका उत्पादन प्रभावित करता है. ऐसा ही मंजर महाराष्ट्र के हिंगोली में देखने को मिला है.
दरअसल, महाराष्ट्र के हिंगोली में इस साल मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, जिसके कारण आम के बौर पर भूरी और फफूंद रोग का संक्रमण देखने को मिल रहा है. कई तरह कि दवाइयां छिड़कने के बावजूद आम के बौर सूखकर गिरने लगे हैं, जिसके कारण किसान परेशान हो रहे हैं. तापमान में हो रहे उतार चढ़ाव के कारण यह संक्रमण तेजी सें बढ़ रहा है. इस वजह से भारी नुकसान कि आशंका जताई जा रहीं है.
मरावाडा के केसर आमों की दुनियाभर में बड़ी मांग होती है, क्योंकि यहां का मौसम केसर आम के लिए काफ़ी अच्छा माना जाता है. यहां के वातावरण मे केसर आम की पैदावार भी अच्छी होती है. बढती मांग को देखकर पिछले 15 सालों से दांडेगांव के किसान सुरेश ठाकुर केशर केसर आम की खेती करते हैं. इस बार भी शुरू में आम के बगीचे मे अच्छी बहार आई थी. मगर लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण आम के बौर पर फफूंद और भूरी रोग का संक्रमण हुआ है, जिसके कारण आम के बौर और पेड़ पर लगे छोटी-छोटी कैरियां झड़कर नीचे गिरने लगी हैं.
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इस संक्रमण को रोकने के लिए किसान सुरेश ठाकुर ने 2 लाख रूपये खर्च करके महंगी महंगी दवाइयां छिड़कीं. कई तरह के उपाय किए, कृषि विभाग और कृषि विज्ञान अनुसंधान केंद्र से भी मदद ली मगर कोई फायदा नहीं हो रहा है. किसान सुरेश ठाकुर का कहना है कि आम के बौर को संक्रमण से अब तक 50 फीसदी से ज्यादा नुकसान हो गया है. उन्हें इस साल इस बगीचे से 11 लाख के करीब आय होनी थी. मगर फसल बर्बाद होने के कारण अब तक उनका 6 लाख का नुकसान हो गया है.
किसान सुरेश ठाकुर ने कहा कि सरकार लगभग सभी फसलों को बीमा कवच देती है, मगर बागवानी फसलों पर कोई भी बीमा कवच नहीं है, जिसके कारण उनके जैसे आम उत्पादक किसानों को हमेशा नुकसान झेलना पड़ता है, उनकी मांग है कि सरकार ने आम कि फसलों को बीमा कवच देना चाहिए, ताकि नुकसान आसमानी संकट आने पर बागवानी खेती करने वाले किसानों को मदद मिल सके.